नई दिल्ली। लाल किला के पास हुए भीषण विस्फोट की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं। अब जांच एजेंसियों को शक है कि इस धमाके का संबंध पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और उसके महिला विंग से हो सकता है। सूत्रों के मुताबिक, इस हमले के तार मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर और भारत में सक्रिय उसकी करीबी सहयोगी डॉ. शाहीना से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार, फरीदाबाद से गिरफ्तार डॉ. शाहीना को जैश-ए-मोहम्मद की महिला शाखा ‘जमात-उल-मोमिनात’ के लिए भारत में नेटवर्क तैयार करने का जिम्मा दिया गया था। यही विंग पाकिस्तान में सादिया अजहर की अगुवाई में काम कर रही है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, शाहीना के लखनऊ से पुराने पारिवारिक संबंध रहे हैं उसके दादा-दादी लालबाग क्षेत्र में रहते थे और वह बचपन में कई बार लखनऊ आ चुकी थी। हालांकि इस लिंक की आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
फरीदाबाद मॉड्यूल से जुड़ते तार
जांच एजेंसियों का मानना है कि धमाके की साजिश फरीदाबाद स्थित आतंकी मॉड्यूल ने रची थी। बताया जा रहा है कि जिस कार में विस्फोट हुआ, वह पुलवामा निवासी तारिक के नाम पर थी, जिसे अब गिरफ्तार किया जा चुका है। एजेंसियों को संदेह है कि कार में आतंकी डॉक्टर उमर मोहम्मद मौजूद था। फिलहाल डीएनए टेस्ट के जरिए उसकी पहचान की पुष्टि की जा रही है। शुरुआती जांच में फिदायीन हमले की आशंका भी जताई गई है।
महिला आतंकियों का नया नेटवर्क
रिपोर्ट्स के अनुसार, जैश-ए-मोहम्मद ने पहली बार महिलाओं की एक अलग यूनिट बनाई है, जिसका नाम ‘जमीयत-उल-मोमिनात’ रखा गया है। इसकी कमान सादिया अजहर के हाथों में है। बताया जाता है कि सादिया का पति यूसुफ अजहर 1999 के कंधार विमान अपहरण का मास्टरमाइंड था और 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर में मारा गया था।
जैश अब महिलाओं और आतंकियों की पत्नियों की भर्ती कर रहा है। इन्हें बहावलपुर, कराची, कोटली, हरिपुर और मुजफ्फराबाद के मदरसों में ट्रेनिंग दी जाती है। पहले जैश, लश्कर और हिजबुल जैसे संगठन महिलाओं को युद्ध में शामिल नहीं करते थे, लेकिन पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस नीति में बदलाव किया गया। सूत्रों के मुताबिक, इस साल अगस्त में जैश ने 313 नए केंद्र (मरकज) बनाने की योजना के तहत करीब 3.9 अरब पाकिस्तानी रुपये का फंड ऑनलाइन जुटाया था। यह धन संगठन के विस्तार और प्रशिक्षण केंद्रों के निर्माण में उपयोग किया जाना था।