नई दिल्ली। देश के मशहूर वरिष्ठ वकील, पूर्व सॉलिसिटर जनरल और पूर्व में गौतम अडानी के वकील रह चुके हरीश साल्वे ने उनका बचाव किया है। साल्वे ने कहा दुनिया में भारतीय कारोबारियों के बढ़ते वर्चस्व से कोई भी खुश नहीं है।
उन्होंने कहा एक वक्त था जब ब्रिटेन के कारोबारियों से हम देश में निवेश करने के लिए मिन्नत करते थे। अब ब्रिटिश सरकार भारतीय बिजनेसमैन की मिन्नतें कर रहे हैं। उन्होंने अडानी पर रिसर्च प्रकाशित करने वाले हिंडनबर्ग पर भी सवाल उठाए हैं।
भारत के कारोबारियों के रसूख से दुनिया को इर्ष्या
भारत के नंबर वन वकीलों में शुमार और देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि दुनिया में भारतीय उद्योगपतियों के बढ़ते रसूख से कोई भी खुश नहीं है। दुनिया में भारतीय कारोबारियों के बढ़ते रुतबे का एक नतीजा ये भी है। उन्होंने कहा कि गौतम अडानी के खिलाफ लगे आरोप भारत और भारतीयों पर हमला है। उन्होंने कहा अडानी की ज्यादातर संपत्तिया नियम-कानून से बंधी हुई हैं।
अडानी के बचाव में दिया ये तर्क
साल्वे ने कहा कि आपके राजस्व का अनुमान लगाया जा सकता है क्योंकि आपके टैरिफ को फिक्स करने के लिए रेग्युलेटर है। आप बेशुमार दौलत नहीं बना सकते हैं लेकिन आपके पास एक गारंटी वाली कमाई तो जरूर होगी क्योंकि कुछ इंफ्रा तो ऐसे हैं जिसपर कंपनी का एकाधिकार है।
कंपनी के कुछ निवेश भारत की मजबूत ईकाई जैसे सीमेंट क्षेत्र में है। उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप की ज्यादातर कंपनियां लिस्टेड हैं। उनका सभी रेकॉर्ड लोगों के बीच है। अब इसमें ये कहना कि आपने कुछ छिपाया है, बकवास है।
बैंकों के लोन पर भी रखी दलील
पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि भारतीय बैंक बिना पुख्ता जांच परख के कोई कर्ज किसी कंपनी को नहीं देते हैं। साल्वे ने दावा किया कि अभी ऐसी कोई कंपनी नहीं है जिसके पास बैलेंस शीट नहीं है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई कंपनी लिस्टेड है और दूसरे देशों में भी शाखाएं हैं, वो सब दिख रहा है। अगर लिस्टेड कंपनी में अडानी सीधे या परोक्ष तौर पर शेयर के मालिक हैं तो उसे बताने की जरूरत है। यहां ऐसा कुछ भी नहीं जो छिपा हो।
हिंडनबर्ग रिसर्च पर साल्वे का हमला
अमेरिका स्थित फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च पर भी साल्वे ने हमला बोला है। उन्होंने कहा कि हिंडनबर्ग कहता है कि वो शॉर्टिंग फर्म हैं। यही वो रास्ता है जिसके जरिए लोग पैसे बनाने का काम करते हैं। यही फर्म अडानी पर आरोप लगा रही है।
साल्वे ने ये भी कहा कि भारत में हिंडनबर्ग जैसी कंपनियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के लिए कोई नियम नहीं है। अगर अडानी अपने नुकसान के लिए हिंडनबर्ग पर केस करेंगे तो उनके पोते-पोतियों को ये केस लड़ना होगा।