उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग और कलिम्पोंग जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। अब तक कम से कम सात लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि कई लोग लापता बताए जा रहे हैं। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य के लिए आपदा प्रबंधन दल (NDRF) और स्थानीय पुलिस को तैनात किया है।
लगातार बारिश से बिगड़े हालात
शनिवार शाम से कलिम्पोंग और मिरिक क्षेत्रों में मूसलाधार बारिश हो रही है। लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन (Landslide) की घटनाएं हुईं, जिनसे भारी नुकसान हुआ है। मिरिक के पास जसबीर गांव में एक घर पर पहाड़ का मलबा गिरने से *दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।स्थानीय प्रशासन के मुताबिक, कुछ रिपोर्टों में 11 लोगों की मौत की बात कही जा रही है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं की गई है।
सड़क संपर्क बाधित, तीस्ता नदी उफान पर
भारी बारिश के कारण तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गया है।राष्ट्रीय राजमार्ग 10 (NH-10) का रबिझोरा इलाका जलमग्न हो गया है, जिससे सिलीगुड़ी और सिक्किम के बीच संपर्क आंशिक रूप से टूट गया है।कलिम्पोंग से दार्जिलिंग जाने वाला तीस्ता बाजार मार्ग भी बाढ़ के पानी में डूब गया है। वहीं रोहिणी मार्ग पर भूस्खलन के चलते सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग जाने वाला रास्ता भी बंद कर दिया गया है।इससे पहाड़ी और मैदानी इलाकों के बीच संपर्क लगभग पूरी तरह बाधित हो गया है।
राहत-बचाव कार्य में दिक्कतें
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि लगातार हो रही बारिश और फिसलन भरी सड़कों की वजह से *राहत दलों को घटनास्थल तक पहुंचने में भारी मुश्किलें हो रही हैं। अर्थमूवर और आपातकालीन वाहनों की आवाजाही बाधित है। कई घरों के आंशिक या पूर्ण क्षतिग्रस्त होने की खबरें हैं।
प्रशासन अलर्ट मोड पर
राज्य आपदा प्रबंधन विभाग और दार्जिलिंग जिला प्रशासन की टीमें मौके पर डटी हुई हैं। स्थानीय स्वयंसेवक भी बचाव कार्य में सहयोग कर रहे हैं। मौसम विभाग ने पहले ही उत्तर बंगाल के पहाड़ी इलाकों में भारी बारिश और भूस्खलन की चेतावनी जारी की थी।फिलहाल राहत और बचाव अभियान जारी है, लेकिन लगातार बारिश के चलते हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं।