गुवाहाटी। लोकसभा सांसद और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के प्रमुख मौलाना बदरुद्दीन अजमल ने असम के मुसलमानों से हिंदुओं की भावनाओं का सम्मान करने की अपील की है। उन्होंने ईद-उल-अजहा के दौरान गायों की बलि नहीं देने की अपील की है।
अजमल असम राज्य जमीयत उलमा (ASJU) के अध्यक्ष भी हैं, जो कि देवबंदी स्कूल ऑफ थिंक से संबंधित इस्लामिक विद्वानों के प्रमुख संगठनों की टॉप बॉडी है।
अजमल ने कहा, “आरएसएस के कुछ लोग हिंदू राज बनाने की कोशिश करके हिंदुस्तान को खत्म करना चाहते हैं। हिंदू राज कभी उनके सपनों में भी नहीं होगा। वे इस देश में मुसलमानों और हिंदुओं के बीच एकता को नहीं तोड़ सकते।
अगर आप ईद पर एक दिन के लिए गाय नहीं खाएंगे तो मरेंगे नहीं। हम तो इसे हिंदू भाइयों के साथ मनाते हैं। हमारे सभी पूर्वज हिंदू थे। वे इस्लाम में आए क्योंकि इसमें विशेष गुण हैं, जो कि अन्य धर्मों की भावनाओं का सम्मान करना है।
सनातन धर्म गाय को मां मानता
अजमल ने कहा कि हिंदुओं का सनातन धर्म गाय को मां मानता है और उसकी पूजा करता है। हमें उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत नहीं करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस्लामी मदरसे दारुल उलूम देवबंद ने 2008 में सार्वजनिक अपील की थी कि बकरीद पर गाय की कुर्बानी न दी जाए। उसने यह बताया था कि इस बात का कोई उल्लेख या अनिवार्यता नहीं है कि गाय की ही बलि देनी होगी।
सिर काटने की बात बेवकूफी
नुपुर शर्मा की पैगंबर मुहम्मद पर टिप्पणी और जवाब में भीषण हत्याओं पर अजमल ने कहा मुसलमानों को प्रतिक्रिया नहीं करनी चाहिए। इसके बजाय उन्हें प्रार्थना करनी चाहिए कि भगवान नुपुर शर्मा जैसे लोगों को दिमाग दें। जो लोग सिर काटने की बात करते हैं, वह बेवकूफी है।