भारत ने रक्षा क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया है। खास बात यह रही कि इस मिसाइल को पहली बार *रेल-आधारित मोबाइल लॉन्चर सिस्टम से दागा गया।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने आधिकारिक X हैंडल पर इस ऐतिहासिक परीक्षण की जानकारी साझा की और इसका वीडियो भी जारी किया। उन्होंने बताया कि यह परीक्षण अपनी तरह का पहला है, जिसमें विशेष रूप से डिजाइन किए गए रेल मोबाइल लॉन्चर से प्रक्षेपण किया गया। यह सिस्टम देशभर के रेल नेटवर्क पर बिना किसी पूर्व तैयारी के गतिशीलता प्रदान करता है और कम समय में मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता देता है।राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, सामरिक बल कमान (SFC) और सशस्त्र बलों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के साथ भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास चलते-फिरते रेल नेटवर्क से *कैनिस्टराइज्ड लॉन्च सिस्टम* विकसित करने की तकनीक है।
अग्नि-प्राइम मिसाइल की खूबियां
अग्नि-प्राइम उन्नत पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल है।
2,000 किलोमीटर तक मारक क्षमता रखती है।
परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम।
उच्च स्तर की सटीकता और आधुनिक तकनीकों से लैस।
DRDO द्वारा डिजाइन और विकसित।
भारत की मिसाइल क्षमता
भारत के पास पहले से ही अग्नि-1 से लेकर अग्नि-5 तक की मिसाइलें मौजूद हैं।अग्नि-1 से अग्नि-4 की रेंज: 700 से 3,500 किलोमीटर तक।अग्नि-5 की रेंज: लगभग 5,000 किलोमीटर, जिसकी जद में चीन का सुदूर उत्तर क्षेत्र, यूरोप के कुछ हिस्से और पूरा एशिया आता है।अग्नि-प्राइम का यह सफल रेल-आधारित परीक्षण न केवल भारत की सामरिक क्षमताओं को और मजबूत करता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी उसकी तकनीकी शक्ति का प्रदर्शन करता है।