लेह। लेह में हाल ही में हुई हिंसा के बाद पुलिस ने सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को हिरासत में लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल भेज दिया है। उनकी गिरफ्तारी को लेकर पत्नी गीतांजलि अग्मो ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि प्रशासन बिना वजह उनके पति के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रहा है और उनकी छवि खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
गीतांजलि अग्मो ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनके घर में तलाशी के दौरान तोड़फोड़ भी की। उन्होंने कहा- “मेरे पति को राष्ट्रविरोधी बताया जा रहा है, जबकि उन्होंने देश का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है और कई सम्मान प्राप्त किए हैं।” अग्मो, सोनम वांगचुक के संस्थान हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की सह-संस्थापक भी हैं।
इधर, लेह अपेक्स बॉडी के सह-संयोजक शेरिंग दोरजे ने कहा कि उनकी हमेशा कोशिश रही है कि आंदोलन का हल बातचीत से निकले, लेकिन केंद्र सरकार संवाद से पीछे हट जाती है। यही वजह है कि उन्हें भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ा। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंदोलन में किसी भी विदेशी शक्ति का हस्तक्षेप नहीं है और इस तरह की अफवाहें केवल गुमराह करने के लिए फैलाई जा रही हैं। दोरजे ने बताया कि पुलिस फायरिंग में मारे गए लोगों का अंतिम संस्कार 28 और 29 सितंबर को होगा। इसके बाद दिल्ली कूच करने पर निर्णय लिया जाएगा।
इस बीच, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर उन्हें कोई आश्चर्य नहीं हुआ। उनके अनुसार यह तय था कि sooner or later उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उमर ने आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर के लोगों से जो वादे किए गए थे, उन्हें पूरा नहीं किया गया, जिससे असंतोष बढ़ा है।