नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दलों की अपनी तैयारियों के बीच सत्तारूढ़ भाजपानीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में आज औपचारिक तौर पर जनता दल सेक्युलर की एंट्री हुई। जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
कुमारस्वामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को शॉल भेंट की। इस बैठक में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी मौजूद रहे। दरअसल, लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर जेडीएस और भाजपा के बीच गठबंधन को लेकर विचार विमर्श हुआ। बकौल जेपी नड्डा, जेडीएस ने NDA का हिस्सा बनने का मन निर्णय लिया है, जो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण को सुदृढ़ करेगा।
क्या बोले कुमारस्वामी?
अमित शाह और नड्डा से मुलाकात के बाद कुमारस्वामी ने पत्रकारों से कहा औपचारिक तौर पर जेडीएस राजग में शामिल हो गया। हमने प्रारंभिक मुद्दों पर चर्चा की है, हमारी ओर से कोई मांग नहीं है। दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले कुमारस्वामी ने कहा था कि अगर जरूरत हुई तो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और जेडीएस प्रमुख व पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के बीच भी बातचीत हो सकती है।
क्या सीट बंटवारे पर हुई चर्चा?
दरअसल, भाजपा ने कर्नाटक का विधानसभा चुनाव अकेले लड़ा था और इस चुनाव में पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा। कांग्रेस ने स्थानीय मुद्दों के दम पर सत्ता पर कब्जा किया, लेकिन भाजपा अब लोकसभा चुनाव में नई रणनीति के साथ उतरने की योजना बना रही है। ऐसे में जेडीएस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का मन बना रही है।
कुमारस्वामी भाजपा के साथ बातचीत के लिए दिल्ली में हैं और शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर आगे की स्थिति स्पष्ट कर रहे हैं, लेकिन अभी तक सीट बंटवारे को लेकर दोनों दलों के बीच में कोई चर्चा नहीं हुई। बीते दिनों कुमारस्वामी ने पत्रकारों को बताया था कि सीट बंटवारे को लेकर अभी तक कोई बातचीत नहीं हुई है।
क्या है बैठक का एजेंडा?
दिल्ली रवाना होने से पहले कुमारस्वामी ने बैठक का एजेंडा स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश की 28 लोकसभा सीटों की स्थिति पर चर्चा की जाएगी। उन्होंने कहा था कि अभी तक हमने सीटों के बारे में कुछ भी नहीं सोचा और न ही उन्होंने (BJP) इस संबंध में कोई प्रस्ताव सामने रखा है। हम सभी सीटों पर मौजूदा स्थिति, पुरानी चुनावी स्थिति और 2023 में हुए चुनाव के दौरान की स्थिति को लेकर विस्तार से विचार-विमर्श करेंगे।