नई दिल्ली| भारत और पाकिस्तान के बीच हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर एक अहम जानकारी सामने आई है। फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख जनरल जेरोम बेलांगर ने पहली बार पुष्टि की है कि भारत ने इस ऑपरेशन के दौरान एक राफेल लड़ाकू विमान खोया है। हालांकि उन्होंने साफ किया कि यह विमान पाकिस्तान की मिसाइल का शिकार नहीं बना, बल्कि तकनीकी खराबी के कारण गिरा।
पाकिस्तानी दावे झूठे, तकनीकी कारण बना राफेल के नुकसान की वजह
जनरल बेलांगर ने कहा कि उन्हें तीन भारतीय विमानों – एक मिराज 2000, एक Su-30MKI और एक राफेल – के नुकसान के पुख्ता प्रमाण मिले हैं। लेकिन उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत का राफेल किसी हवाई हमले में नहीं गिरा, बल्कि हाई-एल्टीट्यूड पर तकनीकी गड़बड़ी इसकी वजह बनी। यह बयान पाकिस्तान के उन दावों पर करारा जवाब है, जिसमें उसने कहा था कि उसके J-10C फाइटर जेट ने PL-15E मिसाइल से तीन राफेल विमानों को गिराया। फ्रांस के एक रक्षा अधिकारी के हवाले से सीएनएन और एवियन डी चेस की रिपोर्ट में पहले ही इस बात के संकेत दिए गए थे, लेकिन अब फ्रांसीसी वायुसेना प्रमुख की सीधी पुष्टि से तस्वीर साफ हो गई है।
ऑपरेशन सिंदूर की पहली रात: हाई-टेक डिफेंस ने रचा इतिहास
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 6-7 मई की रात जब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ शुरू हुआ, तब भारत के राफेल लड़ाकू विमानों ने अपने AI-सक्षम X-Guard डिकॉय सिस्टम के जरिए पाकिस्तानी J-10C विमानों और उनकी मिसाइलों को चकमा दिया। इस तकनीक ने दुश्मन के रडार को निष्क्रिय कर दिया और भारतीय विमान बेधड़क अपने लक्ष्य तक पहुंचे।
उस रात भारत और पाकिस्तान के करीब 80-100 फाइटर जेट्स के बीच भीषण मुकाबला हुआ। भारत को सिर्फ आतंकी ठिकानों पर हमला करने की इजाजत थी, जिसके तहत कम से कम 9 पाकिस्तानी आतंकी शिविरों को सटीक निशाना बनाकर तबाह किया गया।
भारत का जवाबी हमला: पाकिस्तान को भारी नुकसान
यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, शुरुआती नुकसान के बाद भारतीय वायुसेना ने अपनी रणनीति बदली और पाकिस्तान के सैन्य संसाधनों पर भी हमला करना शुरू किया। इसके तहत भारत ने पाकिस्तान के—
3 JF-17 थंडर
2 मिराज III/V
1 F-16 ब्लॉक 52
1 C-130 हरक्यूलिस ट्रांसपोर्ट विमान को मार गिराया।
इसके अलावा, भारत के S-400 एयर डिफेंस सिस्टम ने पाकिस्तान का Saab Erieye AEW&CS सर्विलांस विमान 314 किमी दूर से ध्वस्त कर दिया। भोलारी एयरबेस पर मिसाइल हमले में एक और पाकिस्तानी सर्विलांस विमान को भी तबाह किया गया।
भारतीय वायुसेना ने अब तक सार्वजनिक रूप से इस ऑपरेशन में अपने विमानों के नुकसान की पुष्टि नहीं की है। वायुसेना के वरिष्ठ अधिकारी सिर्फ इतना कहते रहे हैं कि “कॉम्बैट ऑपरेशंस में कुछ नुकसान तो होते हैं।” हालांकि, फ्रांस के खुलासों के बाद यह साफ हो गया है कि भारत ने एक राफेल विमान खोया है — लेकिन दुश्मन की गोली से नहीं, बल्कि तकनीकी खराबी से।
फ्रांस ने अब तक 8 देशों को राफेल विमान बेचे हैं और यह पहला मौका है जब किसी ऑपरेशन में राफेल विमान क्षतिग्रस्त हुआ है। डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने भी भारत में एक राफेल के नुकसान की पुष्टि की है, लेकिन उन्होंने भी इसकी वजह तकनीकी खराबी ही बताई।