AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी इन दिनों घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। मोदी-शाह की जोड़ी को देख कर उनकी रातों की नींद नदारद है। मोदी की बनाई हुई रणनीतियों को अब जब मुस्लिम समुदाय के लोगों का भी समर्थन मिलने लगा है, तो ओवैसी छटपटा रहे हैं। कौम के नाम पर वोट बटोरने और मुस्लिमों का मसीहा बनने के लिए वो पहले भी तमाम हथकंडे अपना चुके हैं। अब एक बार फिर घड़ियाली आसूं बहा कर जनता का समर्थन ओवैसी बटोर लेना चाहते हैं। देश की एकता और अखंडता से उलट ओवैसी मोदी-शाह के राज में कभी चीख रहा है, कभी धमकी दे रहा है तो कभी रो रहा है।
इसकी वजह साफ़ है, देश के मुस्लिमों को बरगला कर अपने समर्थन में करना। आपको बता दें कि हैदराबाद में नमाज के बाद लोगों से बात करते वक्त AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी रो पड़े। लोगों की हमदर्दी बटोरने के लिए उन्होंने रोते हुए कहा कि खरगोन में मुसलमानों के घर तोड़ दिए, जहांगीरपुरी में उनके साथ हिंसा हुई, लेकिन वे मैदान नहीं छोड़ने वाले हैं। उन्हें मौत से भी डर नहीं लगता है।
LIVE from Mecca Masjid, Hyderabad: Jalsa Youm-ul-Qur’an on the occasion of Jumu'atul-Widahttps://t.co/FvQdVBGqEO
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) April 29, 2022
मोदी सरकार पर उंगली उठाते हुए ओवैसी ने कहा, ‘देश में एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।’ उनकी नजरों में कई ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां पर सीधे तौर पर एक धर्म के खिलाफ कार्रवाई की गई। आंसू भरी आखों से उन्होंने कहा- ‘हिम्मत मत खोना आप लोग, जालिमों तुम भी सुनो, मुझे इस मौत से कोई डर नहीं लगता है, हम तुम्हारे जुल्मों से भी नहीं डरने वाले हैं। तुम्हारी हुकूमत भी हमे नहीं डरा सकती है। हम सबर से काम लेंगे, लेकिन मैदान कभी नहीं छोड़ेंगे।’
मुस्लिमों के ऊपर हुईं कार्यवाइयों का हवाला देते हुए पुरे भाषण के दौरान कई बार ओवैसी की आखें नम दिखीं। ये घड़ियाली आसूं महज़ जनता को गुमराह करने और अपने राजनीतिक फायदों के लिए ही बहाए गए। वे काफी भड़के हुए नज़र आए। उनके मुताबिक मुस्लिम समाज के पास सिर्फ ईमान वाली दौलत है, ऐसे में अल्लाह ही उनके लिए रास्ते खोलेगा. किसी को भी मायूस होने की जररूत नहीं है, उतार चढ़ाव आएंगे, लेकिन हर चुनौती का डटकर सामना किया जाएगा।
ओवैसी का रोते हुए जनता को संबोधित करने का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इस वीडियो के वायरल होते हुए उनका मकसद पूरा होता भी दिखाई दे रहा है। उन्हें मुस्लिम समुदाय का समर्थन मिल रहा है। लेकिन मुखौटे के पीछे जो असल मकसद है, उसे अब भी मासूम जनता अनजान है।