नई दिल्ली। फरवरी, 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में एक युवती से सामूहिक दुष्कर्म के बाद बेरहमी से की गई हत्या (Gang rape and Murder) के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ अब याचिका दायर की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने इस बाबत मंजूरी प्रदान कर दी है।
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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मामले में पीड़ितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता और अतिरिक्त सोलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की नियुक्ति को भी मंजूरी दी गई है।
SC द्वारा बरी करने के खिलाफ दायर होगी याचिका
सुप्रीम कोर्ट ने सात नवंबर को दिल्ली पुलिस की जांच पर सवाल उठाते हुए छावला सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में सबूतों और गवाहों के अभाव में तीनों आरोपितों को बरी कर दिया था।
इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने कहा था कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे। पीड़िता का परिवार आरोपियों को मौत की सजा देने की मांग कर रहा है। इस बाबत पिछले दिनों पीड़िता के माता-पिता ने एलजी वीके सक्सेना से मिलकर पुनर्विचार याचिका दायर करने की गुहार भी लगाई थी।
हरियाणा के युवकों ने दिया था वारदात का अंजाम
बता दें दि फरवरी, 2012 में हरियाणा निवासी कार सवार तीन युवकों ने छावला की रहने वाली 19 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था। इसके बाद उसकी हत्या कर दी थी। दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज मामले में आरोपित रवि, राहुल और विनोद ने इस वारदात को अंजाम दिया था।
मामले जिला अदालत ने फांसी की सजा दी थी जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने भी बरकरार रखा था। पिछले दिनों तीन में से दो आरोपी रोहिणी जेल से बाहर आ चुके हैं।
रेवाड़ी में मिला था युवती का क्षत-विक्षत शव
रवि कुमार, राहुल और विनोद पर फरवरी 2012 में युवती के अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और बेरहमी से उसकी हत्या करने का आरोप था। युवती का क्षत-विक्षत शव अपहरण के तीन दिन बाद हरियाणा के रेवाड़ी के रोधई गांव के खेतों में मिला था।
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