जम्मू। जम्मू-कश्मीर पहुंची राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को तब सियासी भूचाल ला दिया था, जब उन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर सबूत मांगे। इसका जवाब मंगलवार को राहुल गांधी ने दिया, उन्होंने साफ कहा कि कांग्रेस या उनका दिग्विजय के बयान से कोई लेनादेना नहीं है।
उन्होंने कहा कि दिग्विजय का यह व्यक्तिगत दृष्टिकोण हो सकता है। हमारा नहीं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और मुझे सेना पर पूरा भरोसा है। भारतीय सेना कुछ करती है तो उसे सबूत देने की कोई जरूरत नहीं है।
बता दें कि कल सोमवार को दिग्विजय सिंह ने कहा था कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत कहां हैं? उन्होंने पुलवामा हमले को लेकर भी सवाल खड़े किए थे। इस पर मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया था।
देश में फैला रही नफरत बीजेपी
राहुल गांधी ने कहा कि बीजेपी लोगों को धर्म, जाति और लिंग के आधार पर बांट रही है। देश में नफरत फैला रहे हैं। भारत के भाई-चारे को लेकर, भारत की संस्कृति को लेकर देश में क्या हो रहा है? राजनाथ सिंह एक पार्टी का हिस्सा हैं, वह अपनी पार्टी की भाषा बोलते हैं। वह अपना दृष्टिकोण नहीं रखते।
सावरकर ने दिया दो भारत का कॉन्सेप्ट
बीजेपी और आरएसएस पर अंग्रेजों का साथ देने का आरोप लगाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने इस देश को आजादी दी है। देश के लिए संविधान बनाए हैं। कांग्रेस की फिलॉसफी पर भारत बना है। जब हम अंग्रेजों से लड़ रहे थे तब आरएसएस और बीजेपी उनके साथ खड़ी थी। उनकी पार्टी के सावरकर ने दो भारत का कॉन्सेप्ट दिया था।
राहुल गांधी ने कहा कि कश्मीर में मैं लोगों से मिल रहा हूं। सबके दिल में ये संवेदनाएं हैं। युवाओं को फ्यूचर नहीं दिख रहा है। उद्योग नहीं हैं। किसानों को सपॉर्ट नहीं मिल रहा है। भारत जोड़ो यात्रा का लक्ष्य लोगों की बात सुनने का और उनके दिल में जो है उसे लागू करने का है।
मोहब्बत की हजारों दुकान खोलना चाहते हैं
राहुल ने कहा कि कश्मीर के लोगों के दिल में जो दर्द है, उसे हम सुनने और समझने आए हैं। हम सबको प्यार करते हैं, सम्मान करते हैं। समझते हैं कि जम्मू-कश्मीर मुश्किल समय से गुजरत रहा है। जम्मू-कश्मीर के बीच बीजेपी ने जो खाई बनाई है, हम उसे पाटने का काम करने आए हैं।
मोहब्बत की हजारों दुकान हम जम्मू-कश्मीर में खोलना चाहते हैं। नफरत से कुछ नहीं होता है, हिंसा से कुछ सुलझाया नहीं जा सकता है। गले लगने से काम हो सकता है। हम चाहते हैं कि जल्दी से जल्दी आपको आपका अधिकार मिले।