जयपुर/नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव पार्टी के लिए गले की फ़ांस बनता जा रहा है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से ठीक पहले अपना तेवर हाईकमान को दिखा दिया है। राजस्थान में गहलोत के गुट ने बवाल खड़ा कर दिया है, जिसके चलते राज्य में पार्टी एक बार फिर दो फाड़ होती दिख रही है। दरअसल, मुख्यमंत्री गहलोत के समर्थक 80 से अधिक विधायकों ने अपना इस्तीफा स्पीकर सीपी जोशी को सौंप दिया है।
इन विधायकों का कहना है कि नए मुख्यमंत्री को लेकर फैसला गहलोत की मर्जी के मुताबिक होना चाहिए। उन्हें आशंका है कि हाईकमान ने सचिन पायलट को कुर्सी सौंपने का फैसला कर लिया है। गहलोत गुट ने पायलट को सत्ता से दूर रखने समेत 3 शर्तें पार्टी नेतृत्व के सामने रखी हैं। हालांकि, हाईकमान भी झुकने को तैयार नहीं है।
क्या हैं तीन शर्तें
पहली शर्त यह है कि सचिन पायलट को मुख्यमंत्री ना बनाया जाए। उन्होंने 2020 में सरकार से बगावत की थी। मुख्यमंत्री उन 102 विधायकों में से किसी को बनाया जाए जो संकट के समय सरकार के साथ थे।
दूसरी शर्त यह है कि नए मुख्यमंत्री का फैसला गहलोत के अध्यक्ष बन जाने के बाद यानी 19 अक्टूबर के बाद ही हो। इसके बाद ही वह इस्तीफा देंगे।
तीसरी शर्त है कि अशोक गहलोत को भी मुख्यमंत्री बने रहने का विकल्प दिया जाए।
क्या कहा मुख्य सचेतक महेश जोशी ने
राज्य विधानसभा में मुख्य सचेतक महेश जोशी ने रविवार देर रात कहा, ”हमने इस्तीफे दे दिए हैं और आगे क्या करना है इसका फैसला अब विधानसभा अध्यक्ष करेंगे। इससे पहले राज्य के आपदा प्रबंधन और राहत मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”हम अभी अपना इस्तीफा देकर आए हैं।” यह पूछे जाने पर कि कितने विधायकों ने इस्तीफा दिया, उन्होंने कहा, ”लगभग 100 विधायकों ने इस्तीफा दिया है।”
मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का चुनाव होने तक (राज्य में मुख्यमंत्री गहलोत के उत्तराधिकारी को लेकर) कोई बात नहीं होगी। जोशी के निवास से निकलते हुए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा, ”सब कुछ ठीक है।”
जोशी ने कहा, ”हमने अपनी बात आलाकमान तक पहुंचा दी है… उम्मीद करते हैं कि आने वाले जो फैसले होंगे उनमें उन बातों का ध्यान रखा जाएगा। विधायक चाहते हैं कि जो कांग्रेस अध्यक्ष और आलाकमान के प्रति निष्ठावान रहे हैं उनका पार्टी पूरा ध्यान रखे।”
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हाई कमान को शर्तें मंजूर नहीं
गहलोत गुट की शर्तों से आलाकमान की ओर से जयपुर भेजे गए अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे भी हैरान हैं। माकन ने कहा 19 अक्टूबर (कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव परिणाम का दिन) से पहले सीएम की घोषणा नहीं करने से हितों के टकराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
गहलोत कैंप के तीनों शर्तों पर माकन ने कहा, ”हम विधायक दल की बैठक के लिए आए थे, जिसे मुख्यमंत्री ने ही तय किया था। समय और दिन उनकी पसंद का था। बहुत हैरानी की बात है कि विधायक नहीं आए। हम सभी विधायकों से अलग-अलग बात करना चाहते थे, ताकि वह खुलकर बोल सकें।”
राहुल ने वेणुगोपाल को भेजा दिल्ली
उधर, भारत जोड़ो यात्रा पर निकले राहुल गांधी ने राजस्थान पर रिपोर्ट ली है। उन्होंने संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल को दिल्ली भेजा है। वेणुगोपाल आज शाम अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकते हैं। राहुल गांधी इस समय केरल में हैं।
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