नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किला परिसर के पास हुए कार ब्लास्ट मामले में जांच एक नए मोड़ पर पहुंच गई है। दिल्ली पुलिस ने खुलासा किया है कि घटनास्थल से 9MM के प्रतिबंधित कारतूस बरामद हुए हैं। इनमें दो जिंदा और एक खाली कारतूस शामिल हैं। पुलिस के अनुसार, ये कारतूस आम नागरिकों के उपयोग के लिए अनुमति प्राप्त नहीं होते, जिसका संकेत है कि ये संभवतः आतंकी डॉ. उमर के पास ही रहे होंगे।
कारतूस मिले, लेकिन हथियार नहीं
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कारतूस मिलने के बावजूद किसी भी प्रकार का हथियार या पिस्तौल का हिस्सा मौके से नहीं मिला। इससे जांच टीम इस बात की तह में जा रही है कि ये कारतूस घटनास्थल तक कैसे पहुंचे और उनका इस्तेमाल किस उद्देश्य से किया जाना था।
अधिकारी ने कहा कि 9MM गोला-बारूद आमतौर पर सुरक्षा बलों या विशेष लाइसेंसधारकों के पास ही होता है, इसलिए इसके स्रोत और संभावित आतंकी नेटवर्क से कनेक्शन की जांच की जा रही है।
डॉ. जानिसार आलम हिरासत में
इसी बीच, NIA ने लाल किला ब्लास्ट की जांच में कार्रवाई तेज करते हुए पश्चिम बंगाल के उत्तर दिनाजपुर जिले के दालकोला निवासी डॉ. जानिसार आलम उर्फ जिगर को हिरासत में लिया है। उन्हें बिहार के किशनगंज में एक रिश्तेदार के घर से पकड़ा गया।
जानिसार ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से MBBS किया है और हाल ही में लुधियाना में प्रैक्टिस कर रहा था। सूत्रों के अनुसार, ब्लास्ट मॉड्यूल में शामिल एक डॉक्टर के साथ उसकी लगातार चैटिंग हो रही थी, जिसके बाद उसे पूछताछ के लिए सिलीगुड़ी ले जाया गया है।
फोरेंसिक जांच और CCTV खंगाले जा रहे
जांच एजेंसियां विस्फोट स्थल के CCTV फुटेज और फोरेंसिक सबूतों की गहन जांच कर रही हैं। अधिकारी यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि कारतूस कहां से आए और क्या यह उमर के पास मौजूद किसी अतिरिक्त हथियार से जुड़े थे या किसी अन्य षड्यंत्र का हिस्सा थे।