नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के शिक्षक भर्ती घोटाले में टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी सुप्रीम कोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है। मामले में सीबीआई और ईडी के की पूछताछ पर रोक लगाने के बनर्जी की याचिका पर विचार करने से सर्वोच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया। बता दें कि सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को पश्चिम बंगाल सरकार चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी जिस पर विचार करने से सर्वोच्च न्यायालय ने इनकार कर दिया।
कोलकाता के कई जगहों पर ईडी ने मारा छापा
दूसरी ओर, आज सोमवार को बंगाल में शिक्षक भर्ती घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जांच जारी है। ईडी ने कोलकाता और उसके आसपास के कई स्थानों पर अधिकारियों ने तलाशी की। उन्होंने बताया कि जांचकर्ताओं द्वारा जिन स्थानों की तलाशी ली जा रही है, उनमें शहर के दक्षिणी हिस्से में पॉश न्यू अलीपुर इलाके में एक निजी कंपनी का कार्यालय भी शामिल है।
क्या है शिक्षा भर्ती घोटाला?
जब टीएमसी नेता पार्थ चटर्जी बंगाल के शिक्षा मंत्री थे, तो उस समय पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) ने राज्य में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती निकाली थी। इस भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी की शिकायतें कोलकाता हाईकोर्ट में की गई। याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जिन उम्मीदवारों के नंबर कम थे, उन्हें भी मेरिट लिस्ट में ऊपर स्थान मिला है।
पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को किया गया गिरफ्तार
इस मामले पर जब ईडी ने जांच की तो ममता सरकार में मंत्री रहे पार्थ चटर्जी और उनके करीबी अर्पिता मुखर्जी को गिरफ्तार किया। अर्पिता के ठिकानों से ईडी को 50 करोड़ रुपये से ज्यादा पैसे और कई किलो सोना बरामद किए। फिलहाल टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी से भी इस मामले में पूछताछ चल रही है।