नई दिल्ली। गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन) की विवादास्पद डॉक्युमेंट्री पर बैन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। शीर्ष न्यायालय ने केंद्र से 3 हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।
बता दें कि बीबीसी की डॉक्युमेंट्री ‘इंडिया: द मोदी क्वेश्चन’ में गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी के खिलाफ कई दावे किए गए हैं, जिसको लेकर केंद्र ने इसको सोशल मीडिया और ऑनलाइन चैनलों पर बैन कर दिया था।
बैन हटाने की मांग
बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर बैन के खिलाफ वरिष्ठ पत्रकार एन. राम, तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा और अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। याचिका में कहा गया है कि बीबीसी की डॉक्युमेंट्री में दिखाई गई सच्चाई से सरकार डर गई है। ये बैन द्वेषपूर्ण और मनमाना होने के साथ-साथ असंवैधानिक है।
कई यूनिवर्सिटी में की गई स्क्रीनिंग
डॉक्युमेंट्री पर बैन के बावजूद कुछ छात्र संघों ने देश के कई विश्वविद्यालय परिसरों में इसकी स्क्रीनिंग की है। कई जगह इसके बाद हिंसा भी देखी गई, दिल्ली की अंबेडकर यूनिवर्सिटी में तो इसकी स्क्रीनिंग को रोकने के लिए बिजली भी काट दी गई।
पूर्ण प्रतिबंध को लेकर याचिका
दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने बीबीसी की डॉक्युमेंट्री पर भारत में पूर्ण प्रतिबंधित करने की मांग वाली याचिका को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने आज शुक्रवार को याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील से मामले का उल्लेख करने को कहा।
बता दें कि हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता और एक किसान बीरेंद्र कुमार सिंह ने शीर्ष अदालत में याचिका डाली है, जिसमें बीबीसी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ जांच की भी मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि बीबीसी डॉक्युमेंट्री में भारत और प्रधानमंत्री मोदी के वैश्विक उदय के खिलाफ गहरी साजिश रची गई है।