दिल्ली विस्फोट के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं। कई राज्यों में अलर्ट जारी करते हुए सघन चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर पुलिस की काउंटर-इंटेलिजेंस विंग (CIC) ने गुरुवार को घाटी में 13 अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की।
अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली धमाके में शामिल स्थानीय डॉक्टर मोहम्मद उमर, जो पुलवामा जिले का निवासी था, प्रतिबंधित संगठन जमात-ए-इस्लामी (JeI) से जुड़ा हुआ था। फरीदाबाद में हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा एक आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ किए जाने के बाद से वह फरार चल रहा था। जांच में अब उसकी मां का डीएनए सैंपल धमाके में मारे गए संदिग्ध के डीएनए से मेल खा गया है, जिससे उसकी पहचान की पुष्टि हो गई है।
जांच एजेंसियों को पता चला है कि उमर अपने दो साथियों—डॉ. आदिल (कुलगाम निवासी) और डॉ. मुजम्मिल गनई (पुलवामा निवासी)—के साथ मिलकर आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। इन दोनों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
सूत्रों के अनुसार, डॉ. आदिल को सीसीटीवी फुटेज में जैश-ए-मोहम्मद के पोस्टर लगाते हुए देखा गया था, जिसके बाद उसे गिरफ्तार किया गया। अनंतनाग के सरकारी मेडिकल कॉलेज में उसके लॉकर से एक AK-47 राइफल भी बरामद हुई। वहीं, उसके बयान के बाद पुलिस ने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज, फरीदाबाद में कार्यरत डॉ. मुजम्मिल गनई को पकड़ा। उसके पास से 2,900 किलोग्राम से अधिक अमोनियम नाइट्रेट बरामद किया गया।
इसी सिलसिले में लखनऊ की डॉ. शाहीन शाहिद को भी हिरासत में लिया गया है। वह अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में डॉ. उमर के साथ काम करती थीं। उनकी कार से एक असॉल्ट राइफल मिलने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया, जबकि लखनऊ पुलिस ने उनके भाई से पूछताछ की है। इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली विस्फोट मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी है। एजेंसियां फिलहाल देशभर में आतंकी नेटवर्क के संभावित ठिकानों पर निगरानी बढ़ा रही हैं।