सिकंदराबाद। तेलंगाना मुक्ति दिवस पर सिकंदराबाद में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि 75 वर्षों से, किसी भी सरकार ने हमारे युवाओं को इस महान दिन से परिचित कराने के लिए कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया। तुष्टिकरण की राजनीति के कारण वे डरे हुए थे और उन्होंने तेलंगाना मुक्ति दिवस नहीं मनाया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “अंग्रेजों से आजादी के बाद, क्रूर निजाम ने 399 दिनों तक राज्य पर शासन किया। ये 399 दिन तेलंगाना के लोगों के लिए यातनापूर्ण थे। सरदार पटेल ने राज्य को 400वें दिन आजादी दिलाने में मदद की। विभिन्न संगठन संघर्ष के लिए आगे आए।
75 वर्षों से नहीं मनाया गया तेलंगाना मुक्ति दिवस
17 सितंबर 1978 को पूर्ववर्ती निजाम शासन से क्षेत्र की आजादी और हैदराबाद राज्य के भारतीय संघ में विलय की याद में ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने के लिए आयोजित केंद्र के आधिकारिक कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति के कारण राजनीतिक दल ‘मुक्ति दिवस’ मनाने से झिझकते हैं, जो कि ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है। उन्होंने कहा मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि देश के लोग उन लोगों से मुंह मोड़ लेंगे, जो अपने देश के इतिहास से मुंह मोड़ते हैं।
पीएम मोदी ने मुक्त दिवास मनाने का फैसला किया
शाह ने कहा कि ‘तुष्टिकरण की राजनीति’ के कारण पूर्ववर्ती सरकारें हमेशा डरती रहीं और उन्होंने इसे नहीं मनाया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ मनाने का फैसला किया। गृह मंत्री ने हैदराबाद की मुक्ति का श्रेय देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को दिया और कहा कि उनके प्रयासों के कारण निजाम के रजाकारों (निजाम शासन के सशस्त्र समर्थकों) ने आत्मसमर्पण कर दिया।