जोधपुर। कांग्रेस पार्टी के प्रथम परिवार के दामाद व प्रियंका गांधी के पति राबर्ट वाड्रा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं, बीकानेर के कोलायत में जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले को समाप्त करने की महेश नागर व स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी की याचिकाओं को जोधपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है। राबर्ट वाड्रा इसी स्काईलाइट प्राइवेट हॉस्पिटैलिटी के मालिक हैं।
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हाईकोर्ट में जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी की अदालत द्वारा सुनाए गए इस फैसले के बाद राबर्ट वाड्रा और उनकी मां मौरीन वाड्रा पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है. हालांकि अदालत ने दोनों की गिरफ्तारी पर दो सप्ताह की रोक लगाई है। इस दौरान कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट या खंडपीठ में सुनवाई का पक्ष खुला रखा है यानि इन दो सप्ताह में राबर्ट वाड्रा को यदि सुप्रीम कोर्ट या खंडपीठ से कोई राहत नहीं मिलती है तो ईडी उनको गिरफ्तार कर पूछताछ कर सकेगी।
बता दें कि यह पूरा मामला बीकानेर के कोलायत में सरकारी जमीन की खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल राजदीपक रस्तोगी ने बताया कि मामला वर्ष 2018 का है। तब बीकानेर पुलिस ने कोलायत में सरकारी जमीन खरीद फर्जीवाड़े के मामले में एक एफआईआर दर्ज की थी। मामला दर्ज होने के बाद में केस को CBI ने टेक ओवर कर लिया था, जिसकी जांच चल रही है।
प्रवर्तन निदेशालय यानि ED ने भी बीकानेर भूमि घोटाले में एक ECR दर्ज की थी। जांच बीकानेर के सीमावर्ती जिले के कोलायत क्षेत्र में कंपनी की ओर से 275 बीघा जमीन की खरीद से संबंधित है। एजेंसी ने 2016 में स्थानीय तहसीलदार द्वारा शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का एक केस दर्ज किया था।
उस दौरान स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के लायबिलिटी पार्टनर रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन वाड्रा और पार्टनर महेश नागर राजस्थान हाईकोर्ट पहुंचे। अदालत ने उन्हें राहत देते हुए थर्ड पार्टी अंतरिम आदेश जारी किया था। इसके चलते रॉबर्ट वाड्रा, उनकी मां मौरीन और महेश नागर की गिरफ्तारी पर अंतरिम रोक जारी है। इनकी गिरफ्तारी पर लगी अंतरिम रोक हटाने को लेकर ईडी ने पूर्व में भी एक प्रार्थना पत्र अदालत के समक्ष पेश किया था।
जमीन की अधिकृत प्रतिनिधि के रूप में खरीद करके वर्ष 2010 में रजिस्ट्री करवाई गई। इसके लिये रॉबर्ट वाड्रा और मां मौरीन वाड्रा ने एक चेक दिया था। इस चेक के द्वारा बिचौलिए महेश नागर ने अपने ड्राइवर के नाम जमीन खरीदकर इस पूरे घोटाले को अंजाम दिया था।
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