नई दिल्ली: मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) की विशेष अदालत द्वारा सभी सातों आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले पर भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में ‘भगवा आतंकवाद’ का झूठा नैरेटिव गढ़कर हिंदू समाज को बदनाम करने की कोशिश की गई थी। उमा भारती ने कांग्रेस नेताओं से सार्वजनिक रूप से देश और हिंदुओं से माफी मांगने की मांग की है।
उमा भारती ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “यह फैसला न केवल न्याय की जीत है, बल्कि उन लाखों लोगों के आत्मसम्मान की भी रक्षा करता है जो सनातन धर्म में आस्था रखते हैं। यह बहुत दुखद था कि साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर और अन्य आरोपियों को सालों तक मानसिक और शारीरिक यातना सहनी पड़ी, केवल इसलिए क्योंकि उन्होंने भगवा वस्त्र धारण किए थे।
उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले को राजनीतिक रंग देकर हिंदू धर्म को आतंकवाद से जोड़ा गया, जो कि न केवल दुर्भाग्यपूर्ण था बल्कि एक *गंभीर सांप्रदायिक साजिश भी थी। उमा भारती ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि “उन नेताओं को शर्म आनी चाहिए जिन्होंने ‘हिंदू आतंकवाद’ जैसा शब्द प्रचारित किया और साधु-संतों को कटघरे में खड़ा किया। अब जब कोर्ट ने फैसला दे दिया है, तो क्या वे सामने आकर माफी मांगेंगे?
कोर्ट का बड़ा फैसला
बता दें कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को बड़ा फैसला सुनाते हुए साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद पुरोहित और अन्य पांच आरोपियों को *साक्ष्यों के अभाव में बरी* कर दिया। कोर्ट ने कहा कि उनके खिलाफ कोई विश्वसनीय और ठोस सबूत नहीं मिले हैं।
इस फैसले के बाद देशभर में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। जहां एक ओर बीजेपी और संघ समर्थक संगठनों ने इस फैसले का स्वागत किया है, वहीं कांग्रेस ने फिलहाल चुप्पी साध रखी है।उमा भारती ने अंत में कहा, “अब समय आ गया है कि ‘भगवा आतंकवाद’ जैसे दुर्भावनापूर्ण शब्दों को इतिहास के कूड़ेदान में फेंका जाए और ऐसे आरोपों के पीछे छिपे राजनीतिक षड्यंत्र को उजागर किया जाए।