ईटानगर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश की राजधानी ईटानगर में विभिन्न विकास कार्यों का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा, “अरुणाचल की यह धरती उगते सूर्य की भूमि होने के साथ ही देशभक्ति और शौर्य की प्रतीक है।
मुख्य परियोजनाओं की झलक:
जलविद्युत: प्रधानमंत्री ने 240 मेगावाट की हीओ जलविद्युत परियोजना और 186 मेगावाट की टाटो-आई जलविद्युत परियोजना का शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं की लागत 3,700 करोड़ रुपये से अधिक है।कनेक्टिविटी व स्वास्थ्य सेवा: 1,290 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन किया गया, जिनमें सड़क, स्वास्थ्य सुविधाएं और अग्नि सुरक्षा से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।तवांग कन्वेंशन सेंटर: प्रधानमंत्री ने तवांग में 1,500 से अधिक क्षमता वाले राज्य स्तरीय कन्वेंशन सेंटर का शिलान्यास किया।पीएम मोदी ने कहा कि इन परियोजनाओं से ऊर्जा, कनेक्टिविटी और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा, जिससे लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आएगा। उन्होंने इसे “डबल इंजन सरकार का डबल बेनिफिट” बताया।
प्रधानमंत्री ने तीन खास वजहें भी गिनाईं
1. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा और पर्वतराज हिमालय की धरती के दर्शन का सौभाग्य।
2. देशभर में नेक्स्ट जनरेशन GST बचत उत्सव की शुरुआत, जिसे उन्होंने जनता के लिए “डबल बोनांजा” बताया।
3. अरुणाचल को ऊर्जा, कनेक्टिविटी और पर्यटन से जुड़ी बड़ी परियोजनाओं की सौगात।
मोदी ने अरुणाचल की संस्कृति और सौंदर्य का जिक्र करते हुए कहा कि तवांग मठ से लेकर स्वर्ण पगोडा तक, यह भूमि शांति और गर्व का प्रतीक है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने नॉर्थ ईस्ट की अनदेखी की, जबकि उनकी सरकार ने इसे विकास की प्राथमिकता बनाया।
प्रधानमंत्री ने बताया कि बीते वर्षों में केंद्रीय मंत्रियों ने नॉर्थ ईस्ट का 800 से अधिक बार दौरा किया है, जबकि वह स्वयं 70 से ज्यादा बार यहां आ चुके हैं। उन्होंने कहा, “हमने दिल्ली को आपके करीब लाने का प्रयास किया है। नॉर्थ ईस्ट हमारे लिए अष्टलक्ष्मी है। इसी सोच के कारण बीजेपी सरकार ने अरुणाचल को 16 गुना अधिक धनराशि दी है।मोदी ने अंत में कहा कि नेक नीयत और ईमानदारी से किए गए प्रयासों के नतीजे हमेशा सामने आते हैं और आज अरुणाचल प्रदेश उसकी मिसाल है।