बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों के बाद विपक्ष लगातार चुनाव आयोग और सत्ता पक्ष पर निशाना साध रहा है। कई विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया कि एनडीए को चुनाव आयोग का सहयोग मिला। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ नेता और अपनी जनता पार्टी के प्रमुख स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी और जेडीयू पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा कि महागठबंधन और एनडीए के बीच जिन सीटों पर कड़ी टक्कर थी, वहां एनडीए की एकतरफा जीत इस बात का संकेत है कि बिहार में “कुछ न कुछ खेल जरूर हुआ है।”
बिहार में एनडीए ने बहुमत ही नहीं, बल्कि रिकॉर्ड जीत हासिल की। 243 सदस्यीय विधानसभा में एनडीए गठबंधन ने 202 सीटें जीतीं। बीजेपी 89 और जेडीयू 85 सीटों के साथ सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी। दूसरी ओर, महागठबंधन 35 सीटों पर सिमट गया। आरजेडी को 25 और कांग्रेस को सिर्फ 6 सीटें मिलीं।
एग्ज़िट पोल्स में एनडीए की बढ़त का अनुमान तो लगाया गया था, लेकिन इतनी बड़ी जीत किसी ने नहीं सोची थी। परिणामों ने राजनीतिक समीकरणों को पूरी तरह बदल दिया है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि यह लोकतंत्र का तकाज़ा है और परिणामों को स्वीकार करना चाहिए, लेकिन आश्चर्य इस बात का है कि जहां चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी के कई मंत्री और प्रत्याशी जनता के विरोध का सामना कर रहे थे, वहीं अंतिम परिणाम में बीजेपी गठबंधन की प्रचंड बहुमत वाली सरकार बन गई। उन्होंने इसे ‘सातवां आश्चर्य’ बताते हुए कहा कि इसमें कहीं न कहीं खेल नजर आता है।
इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी चुनाव नतीजों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा कि चुनाव हार-जीत से सीखने का मौका देते हैं, लेकिन बिहार में 202 सीटों पर एनडीए की जीत समझ से परे है। उन्होंने कहा कि बीजेपी महिलाओं के वोट की बात कर रही है, लेकिन असल सवाल यह है कि वह कब महिलाओं को सम्मानजनक जीवन देगी। अखिलेश यादव ने कहा कि बिहार की जीत उत्तर प्रदेश की जीत से तुलनीय नहीं है और उनकी पार्टी यूपी के लिए पूरी तरह तैयार है।