नई दिल्ली। दिल्ली में 16 वर्षीय छात्र की आत्महत्या का मामला सुर्खियों में है। घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए प्रिंसिपल और तीन शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। ये वही शिक्षक हैं जिनके नाम छात्र द्वारा छोड़े गए सुसाइड नोट में दर्ज थे। गुरुवार को बड़ी संख्या में छात्रों और अभिभावकों ने विरोध प्रदर्शन भी किया। पुलिस मृतक के पिता की शिकायत पर पहले ही एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मृतक छात्र का नाम शौर्य पाटिल था। उसके पिता प्रदीप पाटिल ने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल अपराजिता पाल, और शिक्षक युक्ति माझन, मनु कालरा तथा जूली वर्गीस ने उनके बेटे के साथ मानसिक उत्पीड़न किया, जिसकी वजह से उसने यह कदम उठाया।
दिल्ली सरकार ने बनाई जांच समिति
मामले की गंभीरता को देखते हुए दिल्ली सरकार ने तुरंत एक पाँच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है। समिति का नेतृत्व संयुक्त निदेशक हर्षित जैन करेंगे। अन्य सदस्यों में पूनम यादव, अनिल कुमार, सरिता देवी और कपिल कुमार गुप्ता शामिल हैं। समिति को तीन दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।
गुरुवार को शौर्य का अंतिम संस्कार महाराष्ट्र के सांगली जिले के ढवलेश्वर स्थित श्मशान घाट में किया गया। शौर्य के पिता प्रदीप पाटिल मूल रूप से सांगली के खानापुर के रहने वाले हैं, लेकिन सोना-चांदी पिघलाने के व्यवसाय के कारण उनका परिवार वर्षों से दिल्ली में रह रहा है।
अपने सुसाइड नोट में शौर्य ने आरोपियों के नाम लिखने के साथ-साथ परिवार के लिए भावुक संदेश छोड़ा। उसने अपनी माँ को संबोधित करते हुए लिखा कि, “सॉरी मम्मी, मैंने आपका दिल कई बार तोड़ा है, अब आखिरी बार तोड़ूंगा।” उसने अपने भाई से भी माफी मांगी, यह स्वीकार करते हुए कि वह उसे अक्सर परेशान करता था। पिता से क्षमा मांगते हुए उसने लिखा कि वह उनकी तरह कभी नहीं बन पाया।