जयपुर। जयपुर के सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में रविवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। अस्पताल की दूसरी मंजिल पर स्थित ICU वॉर्ड में अचानक आग लगने से अफरा-तफरी मच गई। उस समय वॉर्ड में कई मरीज भर्ती थे। हादसे में तीन महिलाओं समेत आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि कई अन्य घायल बताए जा रहे हैं। घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है।
घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन और चिकित्सकों से विस्तार से जानकारी ली तथा राहत-बचाव कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने घटना को “अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और मृतकों के प्रति शोक जताते हुए कहा कि राज्य सरकार पीड़ित परिवारों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी।
कैसे लगी आग
SMS अस्पताल ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज अनुराग धाकड़ के अनुसार, ट्रॉमा सेंटर की दूसरी मंजिल पर दो ICU हैं — एक ट्रॉमा ICU और एक सेमी-ICU। कुल 24 मरीज भर्ती थे, जिनमें 11 ट्रॉमा ICU और 13 सेमी-ICU में थे। ट्रॉमा ICU में शॉर्ट सर्किट से आग लगी, जो तेजी से फैल गई। धुआं और जहरीली गैसें पूरे वॉर्ड में फैल गईं। हमारे स्टाफ ने तुरंत मरीजों को ट्रॉलियों पर बाहर निकालने की कोशिश की। छह मरीजों की हालत गंभीर थी; हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें नहीं बचाया जा सका।
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ ने बताया कि आग लगने के वास्तविक कारणों का पता FSL टीम की जांच के बाद ही चल सकेगा। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है।मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक तीन सदस्यीय समिति का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्षता चिकित्सा शिक्षा विभाग के आयुक्त इकबाल खान करेंगे। यह समिति आग लगने के कारणों, अस्पताल प्रशासन की प्रतिक्रिया, ट्रॉमा सेंटर में अग्निशमन प्रणाली, मरीजों की सुरक्षा व्यवस्था और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के उपायों की विस्तृत रिपोर्ट तैयार करेगी।
मुख्यमंत्री का बयान
सीएम शर्मा ने कहा, “जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में आग लगने की घटना अत्यंत दुखद है। प्रभावित मरीजों के उपचार और सुरक्षा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। राज्य सरकार मृतकों के परिवारों के साथ है और उन्हें हर संभव सहयोग दिया जाएगा। प्रभु श्रीराम दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान दें।”