लखनऊ। सीतापुर जेल में बंद समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की रिहाई मंगलवार सुबह 9 बजे तय थी, लेकिन आखिरी वक्त पर कानूनी पेंच फंस गया। जानकारी के अनुसार, रामपुर की एक अदालत ने उन पर लगे जुर्माने की रकम जमा न करने के कारण रिहाई पर रोक लगा दी।
दोपहर तक बाहर आ सकते हैं आजम
सूत्रों के मुताबिक, आजम खान पर एक मामले में दो धाराओं के तहत 3,000 और 5,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया था। यह राशि जमा नहीं करने से रिहाई टल गई। अब रामपुर कोर्ट खुलने के बाद जुर्माना जमा कराया जाएगा और इसकी पुष्टि फैक्स के जरिए सीतापुर जेल को भेजी जाएगी। संभावना है कि दोपहर 12 से 2 बजे के बीच आजम खान जेल से बाहर आ जाएंगे।
जेल के बाहर समर्थकों की भीड़
आजम खान के बेटे अदीब आजम खान और बड़ी संख्या में समर्थक सुबह से ही जेल के बाहर मौजूद थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां रुकने की अनुमति नहीं दी। जेल प्रशासन को बाहर खड़ी गाड़ियों के नंबर भी पहले से दे दिए गए हैं।करीब 23 महीने से जेल में बंद आजम खान पर कुल 72 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से जमानत मिलने के बाद अब उनकी रिहाई का रास्ता खुला है। हालांकि, राजनीतिक जानकार मानते हैं कि जेल से बाहर आने के बाद भी उनका सफर आसान नहीं होगा।
सपा से नाराज़, बसपा का रुख?
आजम खान कभी सपा के सबसे ताकतवर नेताओं में गिने जाते थे। मुलायम सिंह यादव की सरकार में उनकी तूती बोलती थी, लेकिन बीजेपी सरकार आने के बाद वह मुकदमों में उलझते चले गए और आखिरकार जेल पहुंच गए।सूत्रों का कहना है कि समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव की बेरुखी से आजम नाराज़ हैं। चर्चाएं हैं कि वह बसपा का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि 9 अक्टूबर को लखनऊ में मायावती की रैली के दौरान आजम खान बसपा में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, इस पर अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।