बसपा सुप्रीमो ने उत्तर प्रदेश चुनाव से पहले प्रदेश में सियासी गर्मी बढ़ा दी है। शनिवार को बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती जन्मदिन के मौके पर मीडिया के सामने आईं। मायावती अपने विरोधियों पर जमकर बरसीं। खासकर पिछले दिनों भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी से जुड़े स्वामी प्रसाद मौर्य पर। साथ ही, उन्होंने मांग की कि चुनावों के समय दल बदलने वाले नेताओं पर सख्ती के साथ नियम बनाने की जरूरत है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने पहले मायावती पर हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि उनके पार्टी छोड़ने के कारण बसपा की दुर्गति हुई है। अब पलटवार मायावती की ओर से हुआ है। उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी में आने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य की किस्मत खुली। आज वे तरह-तरह की बातें कर रहे हैं। बीजेपी वाले तो 5 साल तक उसको ढोते रहे। मायावती का यह पलटवार निश्चित तौर पर स्वामी प्रसाद मौर्य को परेशान करेगा।
मायावती ने समाजवादी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दलबदलू नेता चिल्ला-चिल्ला कर कह रहे थे, समाजवादी पार्टी अंबेडकरवादी पार्टी है। इनमें रत्ती भर भी सच्चाई नहीं है। समाजवादी पार्टी ने ही दलितों की पदोन्नति के मामले में विधेयक को फाड़ कर फेंक दिया था, जो अभी तक लटका हुआ है। दलित संतों के नाम पर जिलों और जन कल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया गया था, उसे भी सपा सरकार ने बदल दिया। भदोही को संत रविदास नगर रखने के आदेश को पलटने पर भी बसपा सुप्रीमो ने करारा हमला बोला। मायावती ने कहा कि समाजवादी यादवों की पार्टी है।