हरियाणा राज्य के सूरजकुंड में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में देश के सभी राज्यों के गृहमंत्री दो दिवसीय चिंतन शिविर में शामिल हुए. छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू भी इसमें शामिल हुए. चिंतन शिविर में मुख्य रूप से नागरिक सुरक्षा, पुलिस आधुनिकीकरण, महिलाओं की सुरक्षा जैसे एजेंडों को शामिल किया गया था. इन विषयों पर छत्तीसगढ़ की तरफ से बात रखते हुए राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने पुलिस आधुनिकीकरण के मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री के सामने अपनी बात रखी. साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ शासन नक्सलियों के खिलाफ पुलिस को आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण, आवश्यक प्रशिक्षण एवं वाहन उपलब्ध करा रही है. साहू ने कहा कि केंद्र की तरफ से वर्ष 2013-14 में छत्तीसगढ़ राज्य को पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 50 करोड़ मिले थे जबकि वर्तमान में यह राशि 20 करोड़ से भी कम हो गई है जिसको बढ़ाने करने की जरुरत है.
साहू ने केंद्रीय गृहमंत्री को जानकारी देते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ पिछले साढ़े तीन सालों में नक्सली उन्मूलन को लेकर लगातार काम कर रहा है. इस दौरान नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के बंद पड़े स्कूलों को फिर से प्रारंभ किया गया है, ऐसे क्षेत्रों में अस्पताल खोले गए, ग्रामीणों के लिए पानी और बिजली जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई गयीं.”
प्रत्येक गांव में राशन दुकान खोले गए हैं. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को वन अधिकार पट्टों का वितरण किया गया है और आदिवासियों को उनकी जमीन वापसी कराई गई है.छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री साहू ने चिंतन शिविर में जानकारी देते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कुल 33 जेल हैं जिसमें 05 केन्द्रीय, 20 जिला और 8 उपजेल हैं. जेलों में नई बैरकों का निर्माण किया जा रहा है साथ ही रायपुर और बिलासपुर में नए जेल भी शुरू करने के साथ ही जेल अदालतों का भी आयोजन किया जा रहा है. कैदियों के अच्छे व्यवहार को देखते हुए 885 कैदियों की सजा माफ कर उन्हें रिहा किया गया है तथा छत्तीसगढ़ में आदिवासी अत्याचार के 321 प्रकरणों में 643 अभियुक्तों का विचारण कराया गया है.