रांचीः झारखंड सरकार ने संविदा और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। वित्त विभाग ने इन कर्मचारियों की वर्तमान स्थिति और नियमितीकरण से होने वाले संभावित वित्तीय प्रभाव का आकलन शुरू कर दिया है। इसके लिए गठित समिति की बैठकों में भाग लेने हेतु संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को नामित किया गया है।
संयुक्त सचिव राजेश बाखला के हस्ताक्षर से जारी पत्र के अनुसार, संबंधित विभागों को निर्देश दिया गया है कि वे बैठक की तिथि, स्थान और समय की जानकारी वित्त विभाग को समय पर उपलब्ध कराएं। साथ ही, इसकी प्रति अपने अधीनस्थ राज्य स्तरीय कार्यालयों को भी भेजें।
जिम्मेदारी का बंटवारा
संयुक्त सचिव पंकज कुमार सिंह को स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता, नगर विकास एवं आवास, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा, परिवहन, मंत्रिमंडल सचिवालय और निगरानी विभाग की जिम्मेदारी दी गई है।
अनिल कुमार यादव को कार्मिक, ऊर्जा, वाणिज्यकर, पथ निर्माण, भवन निर्माण और ग्रामीण विकास विभाग का दायित्व सौंपा गया है।
इसी तरह, कुल 42 विभागों में संविदा और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के नियमितीकरण की समीक्षा और आकलन का काम छह अधिकारियों को बांटा गया है।
कितने कर्मचारी होंगे लाभान्वित
राज्य के विभिन्न दफ्तरों—सचिवालय से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक—करीब 1.60 लाख कर्मचारी संविदा, दैनिक भत्ता या आउटसोर्सिंग पर कार्यरत हैं। सरकार की इस पहल से इन कर्मचारियों में उम्मीद और उत्साह दोनों है।