लखनऊ। राजधानी लखनऊ की एक पॉश सोसाइटी एल्डिको सौभाग्यम में निवासियों के लिए बने क्लब हाउस में मेदांता अस्पताल की क्लीनिक खोलने पर विवाद जोर पकड़ गया है। मेदांता क्लिनिक की क्लीनिक के खिलाफ निवासियों का विरोध अब आंदोलन का रूप लेने जा रहा है।
सोसाइटी के निवासियों का कहना है कि क्लीनिक खुलने के बाद से सोसाइटी की महिलाएँ, बच्चे और बुजुर्ग अपनी नियमित सामाजिक व खेल गतिविधियों से वंचित हैं। क्लब, जो सभी निवासियों की साझा संपत्ति है, अब पूरी तरह से अस्पताल में तब्दील हो चुका है। अस्पताल भी ऐसा है कि उसमें ढंग की सुविधाएं नहीं हैं।
एल्डिको सौभाग्यम रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) के पूर्व पदाधिकारियों और निवासियों की मुख्य मांग है कि सोसाइटी क्लब को मेदांता से खाली कराया जाए। निवासियों का कहना है कि मेदांता को क्लब में क्लिनिक खोलने की अनुमति बिना उनकी राय या सहमति लिए दी गई थी।
RWA के पूर्व पदाधिकारियों के अनुसार, मेदांता को क्लब में मुफ्त बिजली, एयर कंडीशनर और कमरे दिए गए हैं। उस समय कहा गया था कि इससे सोसाइटी को लाभ मिलेगा, परंतु आज न तो वादे पूरे हुए और न ही निवासियों को कोई विशेष सुविधा मिल रही है। ओपीडी के नाम पर आने वाले डॉक्टर भी जूनियर स्तर के बताए जा रहे हैं।
निवासियों का आरोप है कि क्लीनिक के माध्यम से निवासियों की निजी जानकारी एकत्र की जाती है और उन्हें अस्पताल की सेवाएं लेने के लिए प्रेरित किया जाता है।निवासियों का आरोप है कि मेदांता को यह मंजूरी पुरानी RWA के कुछ पदाधिकारियों से साठगांठ कर मिली थी।
एल्डिको सौभाग्यम RWA के पूर्व अध्यक्ष तथा मेदांता RWA ऑपरेशंस के प्रमुख डॉ. उद्भव सिंह ने इस बाबत कुछ भी टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक, लखनऊ ही नहीं, बल्कि कई अन्य शहरों की पॉश सोसाइटीज़ में भी मेदांता ग्रुप ने इसी तरह के क्लीनिक संचालित की हैं।