उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल करने का मामला सामने आया है। रसड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्टाफ नर्स कुमुदलता राय के खिलाफ केंद्र के अधीक्षक डॉक्टर मनीष जायसवाल की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है।
दस्तावेजों में गड़बड़ी कर नौकरी हासिल करने का आरोप
एफआईआर के अनुसार, मऊ जिले के अमरहट की निवासी कुमुदलता राय ने अलग-अलग वर्षों में भिन्न जन्मतिथियां प्रस्तुत कर परीक्षाएं उत्तीर्ण कीं और इस आधार पर नौकरी प्राप्त की। वह करीब दस वर्ष से स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत थी।
दस साल बाद हुआ निलंबन
रसड़ा थाना प्रभारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि नर्स के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संजीव वर्मन ने पुष्टि की कि विभागीय जांच में आरोप सही पाए जाने पर राय को शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक के निर्देश पर निलंबन के साथ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है। विभागीय जांच में यह स्पष्ट हुआ कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी हासिल की थी।