लखनऊ। रामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले सपा एमएलसी व पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य कानूनी मुश्किल में फंस गए हैं। मौर्य के खिलाफ आज मंगलवार को लखनऊ की हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
स्वामी प्रसाद के खिलाफ ऐशबाग निवासी शिवेंद्र मिश्रा ने आईपीसी की धारा 295 ए,298, 504, 505(2),153 ए के अंतर्गत मुकदमा दर्ज कराया है।
स्वामी प्रसाद सपा के भोंपू
विवादित बयान को लेकर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा है कि स्वामी प्रसाद सपा के भोंपू हैं। अखिलेश यादव बताएं कि बयान पर उनका क्या मत है। इस बयान से करोड़ों रामभक्तों की भावनाएं आहत हुई हैं। यदि अखिलेश यादव उनके बयान से सहमत नहीं हैं तो वह सपा से निष्कासित होंगे और यदि सहमत हैं तो स्वामी सपा में बने रहेंगे। सपा शासन में ही राम भक्तों पर गोलियां चलाईं गई थी। बिहार में लालू की पार्टी के नेता जो काम कर रहे हैं वही काम सपा के लोग कर रहे हैं।
क्या कहा था मौर्य ने
स्वामी प्रसाद मौर्य ने ने कहा था कि रामचरितमानस में दलितों और महिलाओं का अपमान किया गया है। तुलसीदास ने ग्रंथ को अपनी खुशी के लिए लिखा था। करोड़ों लोग इसे नहीं पढ़ते। सरकार को इस बकवास ग्रंथ पर प्रतिबंध लगा देना चाहिए।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में मानस के एक अंश को उद्धृत करते हुए सपा नेता ने कहा, ब्राह्मण भले ही दुराचारी, अनपढ़ हो, लेकिन वह ब्राह्मण है। उसको पूजनीय कहा गया है लेकिन शूद्र कितना भी ज्ञानी हो, उसका सम्मान मत कीजिए। क्या यही धर्म है? जो धर्म हमारा सत्यानाश चाहता है, उसका सत्यानाश हो।