पटना। बिहार के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद आनंद मोहन आज गुरुवार की सुबह सहरसा जेल से रिहा हो गए। उनकी रिहाई का एक तरफ विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ उनके समर्थकों में खुशी है। इस मौके पर आनंद मोहन की पत्नी व पूर्व सांसद लवली आनंद ने कहा कि हमने 15 साल मुश्किल से काटा है। उनकी रिहाई हमारे लिए और समर्थकों के लिए खुशी की बात है।
लवली आनंद ने आगे कहा कि आइएएस जी कृष्णैया जी की हत्या होने के बाद दो परिवारों ने सबसे ज्यादा दुख झेला। आनंद मोहन निर्दोष होते हुए जेल चले गए। उधर, उमा कृष्णैया का सुहाग उजड़ गया। जी कृष्णैया जी ईमानदार अफसर थे। उनकी हत्या का हमें भी बहुत दुख है। हमारे सामने ये घटना होती तो आनंद मोहन और हम जान पर खेलकर उनकी रक्षा करने की कोशिश करते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि हमलोग स्वतंत्रता सेनानी परिवार से आते हैं। हमने हमेशा कानून का पालन किया है। इसलिए कोर्ट के फैसले के बाद आनंद मोहन जेल चले गए। हम ईश्वर, बिहार सरकार और अपने समर्थकों का आभार व्यक्त करते हैं। खुशी को शब्दों में बयां नहीं कर सकते, जी कृष्णैया की हत्या का हमें भी दर्द है।
लवली आनंद ने कहा कि 15 साल का वक्त कम नहीं होता है। हमारे बच्चों और समर्थकों ने जगकर एक-एक दिन प्रतीक्षा किया है। हमने होली दिवाली कुछ भी नहीं मनाया। जैसे भगवान राम 14 साल बाद वनवास से घर लौटेंगे, तब खुशहाली मनेगी। अब उनकी रिहाई हमारे लिए खुशी की बात है।
पत्नी बोलीं-आनंद मोहन को जेल से रिहा करना गलत
इधर, जी कृष्णैया की पत्नी और बेटी ने आनंद मोहन को फिर से जेल भेजने की मांग की है। जी कृष्णैया की पत्नी उमा देवी ने कहा कि आनंद मोहन को जेल से रिहा करने का फैसला गलत है। जनता आनंद मोहन की रिहाई का विरोध करेगी, उन्हें वापस जेल भेजने की मांग करेगी। सीएम नीतीश कुमार को इस तरह की चीजों को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।
वहीं, दिवगंत आइएएस की बेटी पद्मा ने कहा कि नीतीश सरकार को इस फैसले पर फिर से विचार करना चाहिए। उन्होंने गलत मिसाल कायम की है। आनंद मोहन को रिहा करने से हमें बहुत दुख हुआ है।