देशभर में रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को गति देने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने रोजगार प्रोत्साहन योजना (ईएलआई) को मंजूरी दे दी है। इस योजना से बिहार और झारखंड के एक लाख 14 हजार से अधिक नियोजकों को लाभ मिलने की उम्मीद है। साथ ही, पहली बार नौकरी करने वाले युवाओं को भी इस योजना के तहत सीधे लाभ प्राप्त होगा।
यह जानकारी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के केंद्रीय अपर आयुक्त सूरज कुमार शर्मा ने दी। उन्होंने बताया कि योजना के तहत नए नियुक्त कर्मचारियों को एक माह के वेतन के बराबर प्रोत्साहन राशि दो किस्तों में दी जाएगी—पहली किस्त छह माह की सेवा पूर्ण होने पर और दूसरी किस्त 12 माह के बाद दी जाएगी। केवल वे कर्मचारी जो एक लाख रुपये तक मासिक वेतन श्रेणी में आते हैं, योजना के पात्र होंगे।
इसके अतिरिक्त, नियोजकों को भी प्रति कर्मचारी प्रति माह तीन हजार रुपये तक प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। हालांकि, इसके लिए कुछ शर्तें निर्धारित की गई हैं:
50 से कम कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को न्यूनतम दो नए कर्मचारी नियुक्त करने होंगे। जबकि 50 से अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को कम से कम पांच अतिरिक्त नियुक्तियाँ करनी होंगी।