झारखंड के बहुचर्चित शराब घोटाले में मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व उत्पाद आयुक्त अमित प्रकाश को गिरफ्तार किया है। दिसंबर 2024 में सेवानिवृत्त हुए प्रकाश पर शराब के थोक व्यापारी ओम साईं को 12 करोड़ रुपये की राशि विमुक्त करने का आरोप है। गिरफ्तारी के बाद ACB ने उन्हें रांची स्थित अपने मुख्यालय में पूछताछ के लिए ले जाया।
गौरतलब है कि इस मामले में ACB अब तक छह लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिसमें वरिष्ठ IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह शामिल हैं। यह घोटाला कथित तौर पर 2022 की शराब नीति से जुड़ा है, जिसके तहत छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट को फायदा पहुंचाने का आरोप है। इस नीति से राज्य को 38 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होने की बात सामने आई है।
जानकारी के मुताबिक, झारखंड में 2021 के अंत से ही यह चर्चा शुरू हो गयी थी कि 2022-23 के लिए नई शराब नीति लागू होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ के शराब माफिया का दबदबा होगा। इसके तहत उत्पाद विभाग ने छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग लिमिटेड को राजस्व बढ़ाने के लिए सलाहकार नियुक्त किया। सलाहकार अरुणपति त्रिपाठी की फीस 1.25 करोड़ रुपये तय की गई। नई नीति को राजस्व परिषद के सदस्य अमरेंद्र प्रसाद सिंह के पास मंजूरी के लिए भेजा गया, जिन्होंने नीति पर असहमति जताते हुए कई बदलावों का सुझाव दिया। सिंह ने यह भी टिप्पणी की थी कि CSML अपने राज्य में राजस्व बढ़ाने में नाकाम रही है, फिर भी उसे सलाहकार बनाया गया।