विगत तीन दिन से क्षेत्र में जंगली जानवर की मुवमेंट बनी हुई है। वन विभाग इसे लक्कड़बग्घा मान रहा था, लेकन अपनी आंखों से जानवर को देख चुके ग्रामीण इसे तेंदुआ बता रहे थे। जिसे वन विभाग मानने को तैयार नहीं था, लेकिन बुधवार को वन विभाग के रेस्क्यू दल के भ्रमण के दौरान ग्राम देवलाबिहार में रेस्क्यू दल के पास से ही तेंदुआ गुजर गया। इसके बाद वन विभाग ने तेंदुआ होने की बात को स्वीकार किया है। इस मामले में ग्रामीणों की बात सच साबित हुई।
गौरतलब है कि रविवार की रात से ही इस क्षेत्र में तेंदुए के होने के लगातार प्रमाण मिल रहे थे। कभी तेंदुआ हिरण को शिकार कर रहा था तो कभी किसी अन्य जानवर को निशाना बना रहा था। इसकी सूचना गांव वालों ने वन विभाग को भी दी थी, लेकिन वन विभाग ने जो पगमार्क लिए थे उसे लक्कड़बग्घे होने की आशंका जताई जा रही थी। जबकि गांव वालों का दावा था कि उन्होंने अपने खेत मे तेंदुए को देखा है। जब ग्रामीणों ने अमले के सामने पूरी तरह दावा किया कि गांव में तेंदुआ है और वरिष्ठ अधिकारियों को भी इसके बारे में सूचना देकर सहायता की मांग की तो अधिकारियों ने रेस्क्यू दल को निर्देशित किया कि वे संबंधित गांवों के अलावा आसपास भी सर्चिंग करेे।
इस पर बुधवार को डिप्टी रेंजर नवनीत चौहान सहित वन विभाग के अधिकारियों ने आसपास के गांव में भी सर्चिंग की। शाम को जब विभागीय अधिकारी गांव देवला बिहार पहुंचे तब उनकी भी गलत फहमी दूर हुई और डिप्टी रेंजर नवनीत चौहान और उनके साथ अमले ने अपने पास से तेंदुए को गुजरते हुए देखा। इसके बाद इस संबंध में अधिकारियों को सूचना दी। जिसके बाद से तेंदुए को सुरक्षित पकडक़र ग्रामीणों को राहत दिलाने का काम शुरू किया गया।
वन विभाग ने तेंदुए की पुष्टि होने के बाद अब गांव में डेरा डाल दिया है। विभाग द्वारा तेंदुए को पकडऩे के लिए प्रयास तेज कर दिए हैं। गांव वालों को विभागीय अधिकारियों ने हिदायत दी है कि वे भीड़ न लगाएं ओर अपने घरों में रहें। फिलहाल खेतों पर न जाएं और सभी को इसकी सूचना दें ताकि वह किसी को कोई नुकसान न पहुंचा सके।