लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पोस्टर विवाद में नया मोड़ आ गया है। ‘आई लव मोहम्मद’ और ‘आई लव महादेव’ पोस्टरों को लेकर पहले से जारी बहस के बीच अब शहर के प्रमुख चौराहों पर ‘आई लव योगी आदित्यनाथ जी’ और ‘आई लव बुलडोजर’ लिखे पोस्टर दिखाई देने लगे हैं। ये पोस्टर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
पोस्टर वॉर का नया ट्विस्ट
पिछले कुछ समय से यूपी में धार्मिक नारों और पोस्टरों को लेकर तनाव और बहस चल रही है। नए पोस्टरों का केंद्र मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उनके प्रशासन का प्रतीक बन चुके बुलडोजर अभियान है। इन पोस्टरों के माध्यम से मुख्यमंत्री के प्रति समर्थन और बुलडोजर अभियान के प्रति सहमति जताई गई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम विवाद को धार्मिक नारों से हटाकर कानून-व्यवस्था बनाम अपराध के परिप्रेक्ष्य में लाने की कोशिश हो सकता है।ये पोस्टर भाजपा के स्थानीय नेता अमित त्रिपाठी ने लगवाए हैं। हालांकि उन्होंने पोस्टर लगाने का स्पष्ट उद्देश्य नहीं बताया, लेकिन माना जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री की सख्त छवि को जनता के बीच और मजबूत करने के लिए उठाया गया कदम है।
पिछले घटनाक्रम की पृष्ठभूमि
शुक्रवार को बरेली के थाना बारादरी क्षेत्र में जुमे की नमाज के बाद कुछ लोगों ने ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर और नारे लगाए, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मौलाना तौकीर रजा को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया। उनके आवास के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया।मौलाना तौकीर रजा ने अपनी नजरबंदी पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रशासन पर सख्ती बरतने का आरोप लगाया और कहा, “डीएम और अन्य अधिकारी मेरे आवास पर पहुंचे और मुझे बाहर जाने से रोक दिया। पूरी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। सरकार मुसलमानों के खिलाफ सख्ती बरत रही है।इस विवाद ने लखनऊ में पोस्टर वॉर को नया आयाम दे दिया है और राजनीतिक-सामाजिक बहस को और गहरा कर दिया है।