लखनऊ। विधानसभा में दहाड़ते यूपी के मुख्यमंत्री योगी का ये बयान आपको जरूर याद होगा…. जो कहा सो किया…. योगी जी ने अगर माफियाओं को मिट्टी में मिलाने की बात कही तो शुरूवात में लोगों ने इसे महज एक जुमला समझा…. लेकिन आकड़ो पर अब नजर डाले तो ये साबित हो जाता है,,,, कि यूपी के माफिया…. अब मिट्टी में मिल चुके है….
मुख्तार अंसारी
इस लिस्ट में पहला नाम है माफिया मुख्तार अंसारी का…. पू्र्वांचल की सियासत में लंबे अरसे तक बड़ा रसूख रखने वाले और सैकड़ों आपराधिक मुकदमे झेलने वाले बाहुबली मुख्तार अंसारी का 63 साल की उम्र में निधन हो गया….. मुख्तार का अंत समय बेहद दर्दनाक रहा…. 18 साल जेल में काटने के बाद उसे बीमारियों ने घेर लिया…. और हवा में बंदूक लहराता हुआ खुली जीप में बेखौफ होकर टहलने वाला बाहुबली मुख्तार व्हील चेयर पर आ गया था…. इसके बाद बीमारियों ने मुख्तार को ऐसा घेरा की वह सही ही नहीं हो पाया…. अंत समय में उसने सरकार इलाज के लिए गुहार लगाई…. रिहाई की भीख मांगी…. और कुछ समय बाद ही दुनिया को अलविदा कह दिया…
अतीक और अशरफ
इस कड़ी में दूसरा नाम है प्रयागराज के माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ का….. माफिया ब्रदर्स की सबसे सनसनीखेज हत्याएं हुईं….. उत्तर प्रदेश में बीते साल ही माफिया डॉन अतीक अहमद और अशरफ के आतंक का अध्याय समाप्त हो गया….. इन्हे यूपी में खौफ का दूसरा नाम कहा जाता था….. अतीक अहमद का अपने इलाके में ऐसा दबदबा था कि बिना इनकी मर्जी के वहां कोई पत्ता भी नहीं हिलता था….. हालाकिं अतीक अहमद और अशरफ की बेटे असद के मुठभेड़ में मारे जाने के दो दिन बाद ही अस्पताल ले जाते वक्त गोली मारकर हत्या कर दी गई थी….. माफिया ब्रदर्स की तीन हमलावरों ने पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी थी……
संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा
ऐसा ही कुछ वेस्ट यूपी के कुख्यात माफिया संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा के साथ भी हुआ….. जिसे कोर्ट में पेशी पर ले जाया जा रहा था…. जहां जीवा लगातार खुद की जान को खतरा होने और पर्याप्त सुरक्षा दिलाए जाने की बात कह रहा था….. और सात जून 2023 को जीवा की आशंका तब सही साबित हुई….. जब लखनऊ में पेशी के दौरान उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई….. भले ही कोर्ट परिसर में संजीव की हत्या कर दी गई हो…. लेकिन एक वक्त था जब कुख्यात माफिया सरगना संजीव माहेश्वरी के आतंक का पश्चिमी यूपी से लेकर पूर्वांचल तक डंका बजता था….
मुन्ना बजरंगी
इस लिस्ट में अगला नाम है माफिया मुख्तार अंसारी के करीबी रहे और पूर्वांचल के कुख्यात मुन्ना बजरंगी का…. नौ जुलाई 2018 में बागपत जेल में हत्या से पहले मुन्ना बजरंगी के परिवारवालों ने उसकी हत्या की आशंका जताई थी….. इस संबंध में मुन्ना की पत्नी ने लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की थी…. और तीन दिन बाद ही मुन्ना के परिवारवालों का डर सही साबित हुआ….. एक मामले में झांसी जेल से बागपत जेल भेजे गए मुन्ना की वहां पहुंचने के कुछ घंटों के अंदर ही गोली मारकर हत्या कर दी गई…..
विकास दुबे
बीते सात सालों के दौरान यूपी में बिकरू कांड और डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिसवालों की हत्या के मुख्य आरोपित विकास दुबे की मौत भी कस्टडी में हुई….. बिकरू कांड के बाद जब विकास दुबे को पूरे यूपी की पुलिस तलाश रही थी…. तो उसने उज्जैन में महाकाल मंदिर के पास सरेंडर कर दिया…. जहां उज्जैन से कानपुर लाए जाने के दौरान गाड़ी पलट गई…. और उसने भागने की कोशिश की….. जहां पुलिस ने मुठभेड़ में उसे मार गिराया था…..
खान मुबारक
अंबेडकरनगर के कुख्यात माफिया खान मुबारक की भी जूडिशल कस्टडी में ही मौत हुई…. खान मुबारक लंबे समय से बीमार चल रहा था…. और मौत के दौरान खान मुबारक हरदोई जेल में बंद था….. हरदोई जेल में ही तबीयत बिगड़ने पर उसे अस्पताल ले जाया गया….. जहां अस्पताल में डॉक्टरों ने खान मुबारक को मृत घोषित कर दिया…..
मेराज और मुकीम
मुख्तार के करीबी मेराज और वेस्ट यूपी में पलायन के मुख्य आरोपित कुख्यात मुकीम काला भी पुलिस कस्टडी में मारा गया… जहां चित्रकूट जेल में बंद मेराज और मुकीम काला की कुख्यात अंशू दीक्षित ने गोली मारकर हत्या कर दी थी….. हालांकि बाद में अंशू दीक्षित को भी पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया था…..
रिपोर्ट : मोहिनी त्रिपाठी