लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि गाजा युद्ध में भी भारत को अपने पुराने स्टैंड पर कायम रहना चाहिए। भारत अपनी आजादी के बाद से ही विश्व में शान्ति, सौहार्द, स्वतंत्रता के लिए और नस्लभेद आदि के विरुद्ध अति गंभीर व सक्रिय रहा है। गाजा युद्ध को लेकर मायावती ने कहा कि कोई भी नया युद्ध मानवता के लिए विनाशकारी साबित होगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में भी भारत को अपना पूर्व रवैया बनाए रखना चाहिए
सोशल मीडिया साइट एक्स मायावती ने पर कहा कि यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने जब यह कहा कि ‘दिस इज नॉट एन इरा ऑफ वार’ अर्थात आज का युग युद्ध का नहीं है तो इसकी प्रशंसा पश्चिमी नेताओं ने खूब की। अब गाजा युद्ध को लेकर भी भारत को अपने इस स्टैंड पर ऐसी मजबूती से खड़े रहने की जरूरत है, जो सबका अनुभव हो।
1. यूक्रेन युद्ध को लेकर पीएम श्री नरेन्द्र मोदी ने जब यह कहा कि 'This is not an era of war' अर्थात् आज का युग युद्ध का नहीं है, तो इसकी प्रशंसा पश्चिमी नेताओं ने खूब की और अब गाज़ा युद्ध को लेकर भी भारत को अपने इस स्टैण्ड पर ऐसी मजबूती से खड़े रहने की जरूरत है जो सबको अनुभव हो।
— Mayawati (@Mayawati) October 19, 2023
बसपा सुप्रीमो ने कहा युद्ध दुनिया में कहीं भी हो आज के ग्लोबल वर्ल्ड में अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे पर काफी हद तक जुड़ी है और निर्भर है। यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है और दुनिया इससे प्रभावित है इसीलिए विश्व में कहीं भी नया युद्ध मानवता के लिए कितना विनाशकारी होगा इसका अन्दाजा लगाना मुश्किल नहीं है।
2.युद्ध दुनिया में कहीं भी हो आजके ग्लोबल वर्ल्ड में अधिकतर देशों की अर्थव्यवस्था एक-दूसरे पर काफी हद तक जुड़ी/निर्भर है। यूक्रेन युद्ध लगातार जारी है व दुनिया इससे प्रभावित है। इसीलिए विश्व में कहीं भी नया युद्ध मानवता के लिए कितना विनाशकारी होगा इसका अन्दाजा लगाना मुश्किल नहीं।
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उन्होंने कहा कि भारत अपनी आजादी के बाद से ही विश्व में शान्ति, सौहार्द, स्वतंत्रता के लिए और नस्लभेद आदि के विरुद्ध अति गंभीर व सक्रिय रहा है जिसकी प्रेरणा और शक्ति उसे उसके समतामूलक एवं मानवतावादी संविधान से मिली है। दुनिया में भारत की यह पहचान बनी रहनी चाहिए।
3. भारत अपनी आज़ादी के बाद से ही विश्व में शान्ति, सौहार्द, स्वतंत्रता के लिए तथा नस्लभेद आदि के विरुद्ध अति गंभीर व सक्रिय रहा है, जिसकी प्रेरणा और शक्ति उसे उसके समतामूलक एवं मानवतावादी संविधान से मिली है। दुनिया में भारत की यह पहचान बनी रहनी चाहिए।
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