नोएडा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नोएडा महानगर ‘संघ शताब्दी वर्ष’ के उपलक्ष्य में नोएडा महानगर के विभिन्न नगरों में,बस्ती स्तर पर कुल 150 कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। यह कार्यक्रम 28 सितंबर से 5 अक्टुबर तक आयोजित किए जाने हैं। इसी श्रृंखला के अंतर्गत नोएडा के विभिन्न स्थानों पर कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। इन कार्यक्रमों में लगभग 10000 स्वयंसेवक पथ संचलन में भाग ले चुके हैं। जिनमें बाल स्वयंसेवक भी लगभग 1500 की संख्या में, पूर्ण गणवेश में पथ संचलन में भाग ले रहे हैं। महानगर के विभिन्न नगरों में ‘ बस्ती ‘ स्तर पर प्रदर्शित किए जाने वाले, इन पथ संचलनों को देखने के लिए,हजारों की संख्या में समाज के लोग उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना
राष्ट्रीय स्वयंसेवक की स्थापना 1925 में विजयदशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आद्य सरसंघचालक परम पूज्य डॉक्टर केशव बलिराम हेडगेवार जी ने कुछ बाल स्वयंसेवकों के साथ महाराष्ट्र के नागपुर में “मोहिते का बाड़ा” नामक स्थान पर की थी। डॉक्टर केशवराव बलिराम हेडगेवार जी बाल्यकाल से ही राष्ट्रभक्त थे। बाल्यकाल में ही स्कूल स्तर पर उनका ‘ भारत माता’ के प्रति प्रेम और अंग्रेजी शासन के प्रति घृणा परिलक्षित होती थी। उन्होंने, स्कूल में विक्टोरिया के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम का विरोध एवं कार्यक्रम के उपरांत मिलने वाले प्रसाद को फेंक कर ,अंग्रेजी शासन के विरुद्ध अपनी भावना को बाल्यकाल में ही प्रकट कर दिया था।बड़े होकर हिंदू समाज को एकजुट करके भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने के लिए और भारत माता का खोया हुआ परम वैभव पुनः प्राप्त करने के विचार के साथ राष्ट्र स्वयंसेवक संघ नामक संगठन की स्थापना 1925 में महाराष्ट्र के नागपुर में की।
आद्य सरसंघचालक परम पूजनीय डॉ केशवराव बलिराम हेडगेवार जी का, पांच बाल स्वयंसेवकों के साथ महाराष्ट्र के नागपुर में “मोहिते के बाड़ा” नामक स्थान से रोपित संकल्प बीज आज भारत ही नहीं अपितु विश्व के अनेक देशों में, राष्ट्र स्वयंसेवक संघ (भारत में) व हिंदू स्वयंसेवक संघ (विदेशों में) वट वृक्ष के रूप में पल्लवित होकर ,करोड़ों स्वयंसेवक,भारत माता का खोया परम वैभव पुनः प्राप्त करने के लिए ,के विचार के साथ परस्पर कार्यरत हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों का संकल्प :
स्वयंसेवकों ने भारत माता के परमवैभव को पुनः प्राप्त करने के लिए अपनी कमर कसी हुई है,समाज से जातिवाद और पंथवाद का भेद मिटाकर,भारत भूमि पर जन्म लेने वाले प्राणी को सहोदर अर्थात अपनी माता का पुत्र यानि कि भारत माता का पुत्र मानकर, भारत माता की सेवा में तत्पर रहना है। आज 100 वर्ष पूर्ण होने पर भी विश्व के सबसे बड़े गैर सरकारी संगठन के रूप में मार्ग में विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों एवं प्रतिबंधों व आपातकाल में स्वयंसेवकों पर हुए भीषण अत्याचारों को सहन करके, स्वयंसेवकों के विचार को अधिक सुदृढ़ता से शक्ति और गति प्रदान होती रही है। जिसके परिणाम स्वरूप आज संघ के 100 वर्ष पूर्ण हो रहे हैं।
शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम
“राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ” के 100 वर्ष पूर्ण होने पर इन कार्यक्रमों में संघ की प्रदर्शनी भी लगाई जा रही है, जिसमें संघ का इतिहास और भारत माता की सेवा के लिए संघ के स्वयंसेवकों का समर्पण और त्याग प्रदर्शित होता है।इन कार्यक्रमों में संघ के स्वयंसेवक और अधिकारी व समाज के विभिन्न संगठनों के प्रमुख व समाजसेवी उपस्थित रहते हैं। इन्हीं कार्यक्रमों की श्रृंखला की कड़ी में मेघदूतम पार्क में,महानगर कार्यवाह सत्येंद्र जी का उद्बोधन रहा जिन्होंने बताया कि संघ की स्थापना विजयदशमी के दिवस पर होने के पीछे का कारण बुराई पर अच्छाई की विजय है। महानगर प्रचारक सुमित जी ने सेक्टर 128 के जे पी विशटाउन सोसायटी में, संघ के 100 वर्ष के कार्यकाल पर प्रकाश डाला।
महानगर सहकार्यवाह बालेंद्र जी ने सुपरटेक इको सिटी सेक्टर 137 में संघ द्वारा स्वयंसेवकों के लिए निश्चित पंच परिवर्तन- नागरिक कर्तव्य, पर्यावरण, सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन एवं स्व का आत्मबोध के बारे में विचार प्रकट किए। सेक्टर 45 में हुए कार्यक्रम में महानगर प्रचार प्रमुख शुभांशु जी ने, महानगर सहप्रचार प्रमुख दुर्गेश जी ने सेक्टर 75 में, भाग सहकार्यवाह नवनीत अग्रवाल जी ने सेक्टर 71 में एवं भाग शारीरिक प्रमुख हरपाल जी ने सुदर्शन शाखा सेक्टर 121 में एवं महानगर गौ सेवा प्रमुख प्रवीण शर्मा जी ने सेक्टर 70 त्रिलोत्मा बस्ती की क्रांतिवीर शाखा पर स्वयंसेवकों एवं समाज के विभिन्न लोगों को संघ के विचार और राष्ट्र की साधना के बारे में विचार प्रकट किए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष की श्रृंखला की कड़ी में 5 अक्टुबर को भी नोएडा महानगर के विभिन्न नगरों के अंतर्गत आने वाली बस्तियों में भी हजारों स्वयंसेवकों द्वारा पथ संचलन के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।