गोरखपुर। अपहरण के 22 साल पुराने मामले में कोर्ट में हाजिर न होने पर पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के हुमायूंपुर स्थित आवास पर शनिवार को कुर्की की चेतावनी का नोटिस चस्पा कर दिया गया। बस्ती कोतवाली थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव के नेतृत्व में गई टीम ने नोटिस चस्पा किया। इसके बाद भी हाजिर नहीं होने पर कोर्ट से 83 हासिल कर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, पुलिस ने छह दिसंबर 2001 को अपह्रत छात्र राहुल को तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था। इस मामले के नौ आरोपियों में से अमरमणि, नैनीष शर्मा, शिवम व शिवम शुक्ल उर्फ रामज्ञा न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए थे।
न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि के आदेश पर मेडिकल बोर्ड ने जांच के बाद अमरमणि को अवसादग्रस्त बताया था। रिपोर्ट के आधार पर न्यायालय ने गोरखपुर जेल अधीक्षक को अमरमणि को कोर्ट में उपस्थित करने का आदेश दिया था, मगर इसी बीच उसकी रिहाई हो गई थी।
इसके बाद न्यायालय ने बस्ती के पुलिस अधीक्षक गोपाल कृष्ण चौधरी को आदेश दिया कि अमरमणि को गिरफ्तार कर एक नवंबर को न्यायालय में प्रस्तुत करें। तय तारीख पर कोतवाली पुलिस ने न्यायालय को बताया कि अमरमणि के गोरखपुर, दक्षिणी हुमांयूपुर स्थित आवास 9-ए पर दबिश दी गई, लेकिन उसका पता नहीं चला।
पुलिस की रिपोर्ट पर अदालत ने नाराजगी जताने के साथ तल्ख टिप्पणी कर पुलिस अधीक्षक की कार्यप्रणाली को आपत्तिजनक बताया। फरार तीन अन्य आरोपितों में शामिल अमेठी के जगदीशपुर के मंगौली गांव के शिवम शुक्ला उर्फ रामज्ञा हाईकोर्ट का आदेश लेकर अदालत में हाजिर हुआ।
अदालत ने अगली तारीख 16 नवंबर तय की है। इसके पहले कोर्ट से कुर्की की चेतावनी का नोटिस जारी कर दिया गया, जिसे शनिवार को पुलिस ने पूर्व मंत्री के घर पर चस्पा कर दिया।