चंडीगढ़| मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में पंजाब सरकार द्वारा किए जा रहे शिक्षा सुधारों का सबसे प्रभावशाली उदाहरण फगवाड़ा का सरकारी स्कूल बनकर सामने आया है। कभी जर्जर ढांचा और उपेक्षा का प्रतीक रहा यह स्कूल अब करोड़ों रुपये के निवेश से पूरी तरह परिवर्तित होकर ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के रूप में विकसित किया गया है। यह संस्थान अब गरीब और मध्यम वर्ग के छात्रों को मुफ्त में निजी स्कूलों जैसी उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करने के लिए तैयार एक आधुनिक शिक्षा केंद्र बन चुका है।
छात्रों ने स्वयं इस परिवर्तन को “ओल्ड टू आउटस्टैंडिंग” नाम दिया है, जो इस अभूतपूर्व बदलाव का वास्तविक प्रतिबिंब है। कई छात्रों ने बताया कि आधुनिक सुविधाओं के कारण वे निजी स्कूल छोड़कर यहां प्रवेश ले चुके हैं। उनका कहना है कि जो अवसर और संसाधन इस स्कूल में उपलब्ध हैं, वह निजी संस्थानों से भी बेहतर हैं। यह बात दर्शाती है कि राज्य सरकार शिक्षा सुधारों को केवल घोषणाओं तक सीमित नहीं रख रही, बल्कि जमीनी स्तर पर ठोस बदलाव ला रही है।
फगवाड़ा स्कूल ऑफ एमिनेंस को बुनियादी ढांचे, खेल और शैक्षणिक उत्कृष्टता के आधार पर राज्य के सर्वश्रेष्ठ स्कूल के रूप में चयनित किया गया है। स्कूल में हाई-टेक स्मार्ट क्लासरूम, उन्नत विज्ञान प्रयोगशालाएं, आधुनिक लाइब्रेरी, मल्टीपर्पज़ हॉल और सुरक्षित एवं आकर्षक परिसर विकसित किया गया है। छात्रों को JEE और NEET जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की मुफ्त कोचिंग भी उपलब्ध करवाई जा रही है। परिसर में अत्याधुनिक एस्ट्रोटर्फ़ फुटबॉल ग्राउंड का निर्माण जारी है, जबकि स्कूल के खिलाड़ियों ने राज्य स्तरीय बॉक्सिंग प्रतियोगिता में पदक जीतकर अपनी प्रतिभा भी साबित की है।
बुनियादी सुविधाओं में सुधार के तहत साफ-सुथरे टॉयलेट, स्टाफ रूम, सुरक्षा के लिए गार्ड तैनात करने के साथ-साथ छात्रों के लिए बस सेवा भी शुरू की गई है, जिससे दूर-दराज़ क्षेत्रों से आने वाले बच्चों का पहुंचना आसान हो गया है। फगवाड़ा का मॉडल अब पूरे पंजाब में शिक्षा सुधारों के बड़े अभियान का हिस्सा बन चुका है। मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व में राज्यभर के 118 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों को ‘स्कूल ऑफ एमिनेंस’ के रूप में विकसित किया जा रहा है। यह पहल साबित करती है कि पंजाब सरकार का लक्ष्य पूरे राज्य में गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चों को विश्व-स्तरीय शिक्षा मुफ्त में उपलब्ध कराना है। फगवाड़ा का स्कूल इस व्यापक शिक्षा क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बन चुका है।