राजस्थान ने एक बार फिर प्रशासनिक दक्षता और तकनीकी प्रगति की मिसाल पेश की है। राज्य ने वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत पूरी मतदाता सूची का 100 फीसदी डिजिटाइजेशन सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य बन गया है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवीन महाजन ने इसे “टीम राजस्थान की सामूहिक जीत” बताते हुए कहा कि बूथ लेवल अधिकारियों से लेकर जिला स्तर तक सभी कर्मचारियों के मेहनती प्रयासों के कारण यह असाधारण उपलब्धि संभव हो सकी।
वोटर लिस्ट का पूरी तरह डिजिटल स्वरूप तैयार
सीईओ नवीन महाजन ने जानकारी दी कि SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची का पूर्ण डिजिटाइजेशन कर लिया गया है। इस प्रक्रिया में गाँवों और शहरों के हजारों बीएलओ, सहायक कार्मिक, पर्यवेक्षक और निर्वाचन अधिकारी शामिल थे। उनके समर्पित प्रयासों ने राजस्थान को राष्ट्रीय स्तर पर एक अनूठी पहचान दिलाई है।
97% मतदाताओं की मैपिंग पूरी, सिर्फ 3% को देने होंगे दस्तावेज
महाजन ने बताया कि राज्य में 97 प्रतिशत से अधिक मतदाताओं की मैपिंग का काम पूरा हो गया है। इसका अर्थ है कि केवल 3% मतदाताओं को ही दावे–आपत्तियों के चरण में अपने दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। औसतन प्रत्येक बूथ पर लगभग 30 ऐसे मतदाता होंगे जिन्हें कागज़ात देने की आवश्यकता पड़ेगी। मसौदा मतदाता सूची का प्रकाशन 16 दिसंबर को किया जाएगा।
12 राज्यों में जारी है SIR का दूसरा चरण
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार के निर्देश पर वर्तमान में राजस्थान सहित 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में SIR प्रक्रिया का दूसरा चरण चल रहा है। यह प्रक्रिया 4 नवंबर को शुरू हुई थी। इससे पहले बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व SIR पूरा किया गया था, जिसके दौरान 47 लाख फर्जी, मृतक और दूसरी जगह पंजीकृत मतदाताओं के नाम सूची से हटाए गए थे। राजस्थान की यह उपलब्धि चुनावी प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सटीक और तकनीकी रूप से उन्नत बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।