जैसे-जैसे बिहार विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं, राज्य की राजनीति में हलचल तेज होती जा रही है। रविवार को पटना में उस वक्त हंगामा मच गया जब आरजेडी कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेता तेजस्वी यादव को लालू-राबड़ी आवास के बाहर घेर लिया। कार्यकर्ता मसौढ़ी की मौजूदा विधायक रेखा देवी के खिलाफ नारेबाजी करते हुए उन्हें टिकट नहीं देने की मांग कर रहे थे।
इस दौरान तेजस्वी यादव कुछ देर के लिए बाहर आए लेकिन उन्होंने इस विवाद पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। हालांकि, उन्होंने जनता के लिए बड़ा वादा करते हुए कहा कि बिहार में जिन परिवारों में सरकारी नौकरी नहीं है, उन्हें नौकरी दी जाएगी। तेजस्वी ने दावा किया कि 14 नवंबर के बाद से राज्य में बेरोजगारी खत्म हो जाएगी। इतना कहकर वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए, जहां उनका कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ सीट शेयरिंग को लेकर अहम बैठक का कार्यक्रम है। इसके अलावा उन्हें “लैंड फॉर जॉब” मामले में कोर्ट में भी पेश होना है।
बीते कुछ दिनों से लालू-राबड़ी आवास के बाहर आरजेडी कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन जारी है। पार्टी के अंदरूनी असंतोष का केंद्र विधायक रेखा देवी हैं, जिनके खिलाफ टिकट न देने की मांग लगातार उठ रही है।
इसी बीच, तेजस्वी यादव के बड़े वादे पर उनके बड़े भाई और आरजेडी से निष्कासित नेता तेज प्रताप यादव ने तंज कसा है। अपनी नई पार्टी ‘जन शक्ति जनता दल’ के प्रचार अभियान के दौरान तेज प्रताप ने कहा कि पहले राजद की सरकार तो बने, फिर नौकरियां देने की बात की जाए। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि वह किस सीट से चुनाव लड़ेंगे, तो उन्होंने कहा, “मैंने पहले ही बता दिया है कि मैं अपनी पुरानी सीट महुआ से चुनाव लड़ूंगा, बार-बार वही सवाल क्यों पूछते हो? तेजस्वी और तेज प्रताप के बीच यह तनातनी चुनाव से पहले आरजेडी के लिए नई चुनौती बनकर सामने आई है।