भोपाल। मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार द्वारा प्रदेश में आज यानी 1 अप्रैल से नई आबकारी नीति-2025 लागू हो गई है। नई आबकारी नीति के तहत आज से राज्य के 19 धार्मिक जगहों पर शराब की बिक्री पूरी तरह से बंद हो गई है। नई नीति के तहत 31 मार्च की आधी रात से ही इन क्षेत्रों की 47 शराब की दुकानों को बंद कर दिया गया है। इतना ही नहीं, इन जगहों पर बार, शराब ठेका और बैठा कर शराब पिलाने की व्यवस्था को भी बंद किया गया है।
जन आस्था का सम्मान करने और नशा मुक्ति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लिए गए इस निर्णय को राज्य मंत्रिमंडल ने 24 जनवरी, 2025 को लोकमाता अहिल्याबाई की नगरी महेश्वर में एक बैठक के दौरान मंजूरी दी थी। निर्णय के अनुसार उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, मंडलेश्वर, ओरछा, मैहर, चित्रकूट, दतिया, पन्ना, मण्डला, मुलताई, मंदसौर और अमरकंटक की संपूर्ण नगरीय सीमा में एवं सलकनपुर, कुण्डलपुर, बांदकपुर, बरमान कलां, बरमान खुर्द और लिंगा की ग्राम पंचायत सीमा में समस्त मदिरा दुकानों एवं बार को बंद किया जाएगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने इस कदम को धार्मिक स्थलों की पवित्रता को बनाए रखने और आध्यात्मिक महत्व वाले क्षेत्रों में शराब के सेवन को हतोत्साहित करने की दिशा में एक “ऐतिहासिक कदम” बताया। शराब पर प्रतिबंध एक नगर निगम, छह नगर पालिका परिषदों, छह नगर परिषदों और छह ग्राम पंचायतों में लागू किया जाएगा। इन प्रमुख पवित्र शहरों में शराबबंदी लागू की जा रही है उनमें बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन, प्रदेश की जीवन रेखा मानी जाने वाली नर्मदा नदी का उद्गम स्थल अमरकंटक, महेश्वर, ओरछा रामराजा मंदिर क्षेत्र, ओंकारेश्वर शामिल है। इसके अलावा मंडला में सतधारा क्षेत्र, मुलताई में ताप्ती उद्गम क्षेत्र, पीतांबरा देवी पीठ दतिया, जबलपुर भेड़ाघाट क्षेत्र, चित्रकूट, मैहर, सलकनपुर, सांची, मंडलेश्वर, वृन्दावन, खजुराहो, नलखेड़ा, पशुपतिनाथ मंदिर, क्षेत्र मंदसौर, बरमान घाट और पन्ना शामिल हैं. ऐसे में 1 अप्रैल 2025 से इन सभी इलाकों में पूर्ण शराबबंदी होगी।