लंदनःसेंट एलबंस चर्च, अल्बर्ट रोड, इलफ़ोर्ड में स्थित सचखंड नानक धाम की शाखा में सत्संग का आयोजन किया गया। दास विजय बाबा व दास सतवंत सिंह द्वारा आयोजित इस सत्संग में सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर के पीठाधीश्वर, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता एवं दिल्ली संत मंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज मुख्य अतिथि तथा बाबा लाल मंदिर नसरतपुरा के महंत एवं दिल्ली संत महामंडल के उपाध्यक्ष पंडित महेश चंद वशिष्ठ विशिष्ट अतिथि रहे।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि सतगुरु दर्शन दास महाराज ऐसी दिव्य आत्मा थे, जिन्होंने धर्म व आध्यात्म का परचम भारत ही नहीं, पूरे विश्व में फहराकर करोड़ों लोगों का कल्याण किया। सतगुरु दर्शन दास महाराज के उपदेश पाँच सिद्धांतों पर आधारित थे—
1. सच — हमेशा सत्य बोलना
2. सिदक — हर परिस्थिति में संतुष्ट रहना
3. साध संगत — पूर्ण आध्यात्मिक गुरु से सत्य की तलाश करना
4. सरबत दा भला — जरूरतमंदों की मदद एवं सेवा के लिए सदैव तत्पर रहना
5. शहादत — मानव की पाँच मुख्य बुराइयों (क्रोध, वासना, मोह, अभिमान और लालच) का त्याग करना
महाराजश्री ने कहा कि जिसने भी इन पाँच सिद्धांतों को अपने जीवन में आत्मसात कर लिया, उसी का कल्याण हो गया। उन्होंने बताया कि सतगुरु दर्शन दास महाराज कई बार अपनी बहन के साथ सिद्धपीठ श्री दूधेश्वरनाथ मठ महादेव मंदिर — जिसकी स्थापना रावण के पिता ऋषि ऋषि विश्रवा ने की थी — में आए थे। उन पावन अवसरों पर उनसे भेंट के दौरान बहुत कुछ सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। आज उनके शिष्य बाबा विजय दास लंदन सहित पूरे इंग्लैंड में सतगुरु दर्शन दास महाराज के सिद्धांतों व उपदेशों से धर्म व आध्यात्म का परचम फहरा रहे हैं।
अपने आशीर्वचन में पंडित महेश चंद वशिष्ठ ने कहा कि मनुष्य जीवन बहुत कठिनाई से प्राप्त होता है। इसका वास्तविक महत्व तभी है जब इसका सदुपयोग करते हुए भगवत नाम का स्मरण किया जाए। जिस दिन हमारे जीवन में सतगुरु दर्शन दास महाराज जैसे सद्गुरु का प्रवेश हो जाता है, उसी दिन हमारा जीवन धन्य हो जाता है तथा परमात्मा से मिलन का मार्ग प्रशस्त हो जाता है।
सत्संग के आयोजक बाबा विजय दास ने कहा कि श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज जैसे सिद्ध संत का लंदन आगमन सौभाग्य की बात है। सतगुरु दर्शन दास महाराज उन्हें अत्यंत स्नेह करते थे। उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास के वचन उद्धृत करते हुए कहा —“श्री गुरु चरण सरोज रज निज मन मुकुर सुधार”
अर्थात श्रीगुरु महाराज के चरण-कमलों की धूलि से मन रूपी दर्पण को पवित्र कर मैं श्री रघुवीर के पवित्र यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों पुरुषार्थ — धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष — को प्रदान करने वाला है।
उन्होंने आगे कहा कि जिसने भी सद्गुरु दर्शन दास महाराज के चरणों की धूल अपने पवित्र मन से लगा ली, उसका बेड़ा पार हो गया। आज भी उनके सिद्धांत व उपदेश मानव समाज को सद्मार्ग पर अग्रसर करने का कार्य कर रहे हैं। दास सतवंत सिंह ने कहा कि यह लंदन के भक्तों का सौभाग्य है कि उन्हें श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज के दर्शन व उनके आशीर्वचन प्राप्त हुए। इस अवसर पर राज कुंद्रा, राम काशी, यशपाल सिंह सहितसैकड़ों भक्त उपस्थित रहे।


