लखनऊ। शेखर आनंद त्रिवेदी भारतीय पत्रकारिता जगत का एक प्रतिष्ठित नाम हैं, जिन्हें समाचार क्षेत्र में 25 वर्षों का व्यापक अनुभव प्राप्त है। उन्होंने ज़ी मीडिया, CNEB न्यूज़, S1 न्यूज़, ईटीवी न्यूज़, न्यूज़ इंडिया, ऑल इंडिया रेडियो सहित कई प्रमुख राष्ट्रीय और क्षेत्रीय समाचार संस्थानों में कार्य किया है।
उन्होंने अनेक संसदीय और राज्य विधानसभा चुनाव, केंद्रीय बजट और विभिन्न राष्ट्रीय घटनाओं की ग्राउंड रिपोर्ट और स्टूडियो कवरेज की है। शेखर त्रिवेदी को सटीक विश्लेषण, प्रभावशाली एंकरिंग, लाइव डिबेट्स और हाई-प्रोफाइल साक्षात्कारों के लिए जाना जाता है। विभिन्न आतंकी घटनाओं, युद्धकाल, काशी-विश्वनाथ मंदिर, अयोध्या में श्रीराम मंदिर आदि की महत्वपूर्ण तिथियों पर शेखर त्रिवेदी के लाइव शोज़ के कई वाक्य आज भी लोगों की जुबान पर कहावतों के रुप में आ जाते हैं।
शेखर त्रिवेदी केवल एक एंकर ही नहीं, बल्कि एक कुशल लेखक भी हैं। उनकी कविताएँ और लेख समय-समय पर विभिन्न प्रिंट और वेब माध्यमों में प्रकाशित होते रहते हैं। उनके लेखन में सामाजिक सरोकार, राष्ट्र निर्माण और मानवीय संवेदनाएँ प्रमुखता से दिखाई देती हैं।
उन्होंने कई राष्ट्रीय और क्षेत्रीय न्यूज़ चैनलों की लॉन्चिंग में भी नेतृत्वकारी भूमिका निभाई है। उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए मीडिया फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा उन्हें “बेस्ट एंकर अवॉर्ड” से सम्मानित किया गया है।
वर्तमान में शेखर त्रिवेदी आधुनिक भारत के निर्माण की यात्रा को डिजिटल और प्रिंट पुस्तक श्रंखला के रुप में लिपिबद्ध कर रहे हैं। यह किताबें वर्तमान कालखंड में देश के सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक बदलावों के प्रणेताओं की कहानियां है।
एस वन चैनल में काम करते हुए जिस दिन पी.चिदंबरम पर जूता चला उस दिन चैनल के फ्लैगशिप प्रोग्राम स्पेशल एजेंडा में एंकर शेखर त्रिवेदी के साथ भड़ास के एडिटर यशवंत सिंह प्रमुख पैनलिस्ट के रुप में शामिल हुए। कार्यक्रम की शुरुआत में जो पैकेज चला उससे प्रभावित होकर यशवंत स्क्रिप्ट अपने साथ ले गए और भड़ास के डिजिटल प्लेटफार्म (ओल्ड भड़ास) पर ज्यों का त्यो (जूता रे जूता तेर रंग कितने) हेडिंग के साथ स्थान दिया। ये पहली बार था जब किसी चैनल की ऑनएयर स्क्रिप्ट किसी डिजिटल प्लेटफार्म का हिस्सा बनी। इसका श्रेय यशवंत की प्रयोगधर्मिता को है।
शेखर त्रिवेदी ने ईटीवी में रहते हुए न्यूज टिकर, सुपरफास्ट खबरों का प्रारुप तैयार किया जो वर्ष 2003 से प्रत्येक चैनल में खबरों के प्रस्तुतिकरण का फार्मेट बन गया।
आज देश के विभिन्न बड़े शहरों के चौराहों पर दिखने वाली एलईडी स्क्रीन का कान्सेप्ट भी 2013 में शेखर त्रिवेदी ने तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार को दिया। आज प्रचारतंत्र का यह सबसे प्रभावशाली माध्यम है।
शेखर त्रिवेदी ने बैचलर ऑफ बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (BBA) की डिग्री प्राप्त की है तथा लखनऊ विश्वविद्यालय से मॉस कम्युनिकेशन में परास्नातक किया है। वे उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से हैं और वहीं से उन्होंने अपने पत्रकारिता जीवन की शुरुआत की।
अपनी विविध गतिविधियों के साथ सामन्जस्य बनाते हुए लखनऊ से लांच हो रहे राष्ट्रीय चैनल आज की खबर से शेखर त्रिवेदी कंसल्टिंग एडिटर के रुप में जुड़ रहे हैं। जो चैनल के प्राइम टाइम डिबेट शो भी करेंगें।
आज की खबर वरिष्ठ पत्रकार डॉ चंद्रसेन वर्मा का “ब्रेन चाइल्ड” है जो बीते डेढ़ दशक से एक बड़े डिजिटल प्लेटफॉर्म के रुप में लोकप्रिय हुआ है। उनके अथक परिश्रम और सपनों को साकार करने की जीजिविषा ने आज की खबर को एक सैटेलाइट चैनल का आकार दे दिया है। डॉ चंद्रसेन वर्मा का कहना है कि शेखर त्रिवेदी के चैनल से जुड़ने पर कुछ नया देखने, सुनने, समझने और इंडस्ट्री में नए प्रयोगों को बल मिलेगा।