उज्जैन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) आज उज्जैन पहुंचे। यहां कालिदास संस्कृत अकादमी में उन्होंने श्री महाकाल लोक लोकार्पण उपसमिति के संयोजकों से चर्चा की। श्री महाकाल लोक की देखरेख की व्यवस्थाओं के संबंध में सुझाव लिए। संतों और संयोजकों का अभूतपूर्व सहयोग के लिए आभार माना।
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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि श्री महाकाल लोक का संचालन पवित्रता और श्रद्धा भाव से किया जाएगा। श्री महाकाल लोक श्रद्धा का केंद्र है, यूं ही फालतू घूमने फिरने की जगह नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे देश के प्रमुख लोगों को पत्र के साथ श्री महाकाल महाराज का प्रसाद भेजेंगे। पत्र के माध्यम से देश के प्रमुख लोगों, सभी राज्यपाल, मुख्यमंत्रियों एवं केंद्रीय मंत्रियों को श्री महाकाल लोक के दर्शन का आमंत्रण भी देंगे।
उन्होंने कहा सस्ती आवासीय और भोजन सुविधा मिलेगी तो यहां पर्यटन बढ़ेगा। श्री महाकाल लोक में इस साल दीपावली पर एक दीया अवश्य लगाएं, ताकि महाकाल लोक दीपमालाओं से जगमगा जाए। हमेशा सकारात्मकता का भाव बनाए रखें। अगले वर्ष भी महाशिवरात्रि और गुड़ी पड़वा का पर्व हर्षोल्लास मनाया जाएगा।
सीएम शिवराज ने कहा अगर ऐसी रचना नहीं बनाई तो आने वाली पीढ़ी धीरे-धीरे सब भूल ही जायेगी। समुद्र मंथन, शिव जी की बरात, शिव पार्वती विवाह की कथा, गणेश जी व कार्तिकेय जी का जन्म, दक्ष के यज्ञ को भंग करने, वीरभद्र ने कैसे उन्हें मारा वो भूल जायेगी, क्षिप्रा जी की उत्पत्ति कैसे हुई वो भूल जायेगी।
अंत में उन्होंने संतों और संयोजकों पर पुष्प वर्षा कर उनका अभिनंदन किया। मुख्यमंत्री ने महाकाल लोक के द्वितीय चरण की परियोजना के अंतर्गत मेघदूत वन का भूमि पूजन भी किया। मुख्यमंत्री ने श्री महाकाल लोक में लगे मजदूर, कारीगरों का भी सम्मान किया और उनके साथ भोज भी किया।
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