सीतापुर। उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में महमूदाबाद के प्राथमिक विद्यालय नदवा में चल रहे विवाद ने तूल पकड़ लिया है। बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह के निर्देश पर शिक्षिका अवंतिका गुप्ता को निलंबित कर दिया गया है। अवंतिका पर आरोप है कि वे स्कूल समय पर नहीं आतीं और बच्चों की पढ़ाई में व्यवधान डालती हैं।
निलंबन आदेश में कहा गया है कि 21 अगस्त से 20 सितंबर 2025 तक उनकी अनुपस्थिति के बारे में जवाब देने के लिए उन्हें बुलाया गया था, लेकिन 23 सितंबर को सुनवाई में उपस्थित नहीं हुईं। उनके वेतन को भी रोकने का आदेश जारी किया गया है।प्राथमिक विद्यालय नदवा के प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा ने बीएसए को बेल्ट से पीट दिया था। उनके अनुसार, उन्हें लगातार एक शिक्षिका की अटेंडेंस लगाने के लिए दबाव बनाया जा रहा था। प्रधानाध्यापक ने इस दबाव के चलते गुस्से में आकर बीएसए से भिड़ गए।
घटना के बाद भाजपा की विधायक आशा मौर्य स्कूल पहुंची और सुरक्षा कर्मियों की मदद से कक्षाओं के ताले तोड़वाए, ताकि पढ़ाई जारी हो सके। उन्होंने कहा कि प्रधानाध्यापक का यह व्यवहार गलत है, लेकिन बच्चों को पढ़ाई में बाधा डालना भी उचित नहीं।सीतापुर के सांसद राकेश राठौर ने घटना को निंदनीय बताया।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के मंदिर में इस तरह की हिंसा बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने बीएसए पर भी राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया और कहा कि शिक्षक पर भी हमला हुआ है, जिसकी एफआईआर दर्ज होनी चाहिए।इस मामले में बच्चों और अभिभावकों ने अवंतिका गुप्ता के खिलाफ नारेबाजी की और प्रधानाध्यापक बृजेंद्र वर्मा को बहाल करने की मांग की। विरोध के कारण स्कूल में पढ़ाई ठप रही। बीएसए ने स्कूल में एक शिक्षक भेजा, लेकिन अभिभावकों ने पढ़ाई शुरू नहीं होने दी।