बेंगलुरु। कर्नाटक के मंगलूरू में बीते शनिवार को चलते ऑटोरिक्शा में अचानक हुए विस्फोट की जिम्मेदारी आतंकी संगठन इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल (IRC) ने ली है। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आलोक कुमार ने भी इसे लेकर बयान जारी किया है।उन्होंने कहा कि पुलिस आतंकी संगठन की सत्यता की पुष्टि कर रही है। बता दें कि मंगलूरू में हुए ब्लास्ट की जांच NIA ने अपने हाथों में ले ली है।
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इस संगठन ने ली जिम्मेदारी
इस मामले में आज गुरुवार को इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल ने सोशल मीडिया पर वायरल एक पोस्ट में दावा किया है कि ‘हम इस्लामिक रेजिस्टेंस काउंसिल (आईआरसी) संदेश देना चाहते हैं कि हमारे एक मुजाहिद भाई मोहम्मद शरीक ने मंगलुरु में भगवा आतंकवादियों के गढ़ कादरी (दक्षिण कन्नड़ जिले में) में हिंदुत्व मंदिर पर हमला करने का प्रयास किया था।’
पोस्ट में आगे लिखा गया है कि ‘हालांकि यह ऑपरेशन अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर पाया, फिर भी हम इसे ट्रेडक्राफ्ट और रणनीति के दृष्टिकोण से एक बड़ी सफलता मानते हैं। क्योंकि मुजाहिद भाई के वांछित होने के बाद भी और राज्य और केंद्रीय खुफिया एजेंसियां उसका पता नहीं लगा सकीं थीं।
एडीजीपी आलोक कुमार को दी गई चेतावनी
इस पोस्ट में एडीजीपी आलोक कुमार को भी चेतावनी देते हुए कहा गया है कि ‘भाई की गिरफ्तारी पर खुशी मनाने वालों आपका आनंद थोड़े समय का ही होगा। जल्दी ही आपको इसका फल मिलेगा।
संगठन की ओर से यह दावा किया गया है कि ‘हम केवल इसलिए प्रतिशोध ले रहे हैं क्योंकि हमारे धर्म के खिलाफ एक खुला युद्ध घोषित किया गया है। दमनकारी कानून हमें दबाने और हमारे धर्म में हस्तक्षेप करने के लिए पारित किए जाते हैं।’
गौरतलब है कि बीते 19 नवंबर को कर्नाटक के मंगलूरू में एक ऑटोरिक्शा में विस्फोट हो गया था। जांच के बाद कर्नाटक पुलिस ने इसे आतंकी हमला करार दिया था। पहले मामले की जांच कर्नाटक पुलिस कर रही थी। कल ही NIA ने इसकी जांच अपने हाथों में ले ली है।
जांच के दौरान पता चला था कि तीर्थहल्ली के रहने वाले एक ऑटोरिक्शा चालक के वाहन में आरोपी मोहम्मद शारिक प्रेशर कुकर के साथ सफर कर रहा था। इसमें डेटोनेटर, तार और बैटरी लगी हुई थी। विस्फोट के दौरान वह और ऑटोरिक्शा चालक घायल हो गए थे।
मामले की जांच से जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने मंगलवार को कहा था कि इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) विस्फोट मामले में संदिग्ध आत्म-कट्टरपंथी हैं और एन्क्रिप्टेड मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर समूहों से प्रारंभिक तौर पर बम बनाना सीखा था।
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