मुंबई। बीजेपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल के बाबरी मस्जिद विध्वंस में शिवसेना के एक भी कार्यकर्ता के शामिल नहीं होने के दावे पर उद्धव ठाकरे ने ललकारा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर पाटिल से उनके बयान को लेकर इस्तीफा मांगा जाना चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जब बाबरी मस्जिद गिराई जा रही थी, तब ये चूहे अपने बिलों में छिपे थे। उनकी पार्टी का हिंदुत्व ‘राष्ट्रवाद’ है और बीजेपी को स्पष्ट करना चाहिए कि उसका हिंदुत्व क्या है?
उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पाटिल के बयान को लेकर या तो इस्तीफा दे देना चाहिए या पाटिल से इस्तीफा मांगना चाहिए। शिवसेना (UBT) के नेता संजय राउत ने भी एक ट्वीट में पूछा कि क्या शिंदे पाटिल के दावे को स्वीकार करते हैं? यदि नहीं, तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए।
दरअसल, बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटील ने पुणे में पत्रकारों से दावा किया था कि 1992 में बाबरी मस्जिद गिराए जाने के समय शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता वहां मौजूद नहीं था। ‘कारसेवा’ में किसी ने भी अपनी पार्टियों के सदस्य के रूप में भाग नहीं लिया था, बल्कि वे सिर्फ हिंदू के रूप में शामिल हुए थे।
इस पर उद्धव ने पाटील पर तीखा हमला करते हुए कहा कि तब ये चूहे अपने बिलों में छिपे थे। इसके बाद तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी मैदान में कूद पड़े। उन्होंने उद्धव से पूछा कि जब बाबरी गिराई जा रही थी, तब वे (उद्धव) और जो बोल रहे हैं (संजय राउत) वो कहां थे?