बरेली। बरेली में हुई हिंसा के बाद पुलिस और प्रशासन ने लगातार कार्रवाई शुरू कर दी है। रविवार देर रात पुलिस ने नदीम खान को गिरफ्तार किया, जो व्हाट्सएप कॉल के ज़रिए लोगों को बरेली बुलाने में सक्रिय था। इसी दौरान, तौकीर रजा का करीबी बताए जाने वाले डॉ. नफीस को भी हिरासत में लिया गया।
नगर निगम ने नफीस की नावल्टी वाली मार्केट को सील कर दिया है, जिसमें कुल 74 दुकानें संचालित हो रही थीं। बताया जा रहा है कि यह मार्केट नाले पर अवैध रूप से बनाई गई थी। यहीं से IMC का दफ्तर भी चल रहा था, जिसे अब प्रशासन ने बंद कर दिया है।
जांच के लिए एसएसपी अनुराग आर्य के निर्देश पर विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। एसपी सिटी मानुष पारीक की अगुवाई में तीन सीओ और 14 इंस्पेक्टर शामिल किए गए हैं। अधिकारियों का कहना है कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
नगर आयुक्त संजीव कुमार मौर्य ने बताया कि पहलवान साहब की मजार के पास की कई दुकानें नाले पर बनी हुई थीं। टीम ने पैमाइश के बाद दुकानदारों को सामान हटाने का समय दिया और एक-एक कर सभी दुकानों को सील कर दिया गया।
इंटरनेट सेवा, जो हिंसा के बाद बंद कर दी गई थी, रात 12:30 बजे बहाल हो गई। इंटरनेट ठप रहने से व्यापारियों और आम नागरिकों को परेशानी का सामना करना पड़ा था।
बरेली रेंज के डीआईजी अजय कुमार साहनी ने बताया कि फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है। अब तक 10 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और साक्ष्यों के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। प्राथमिक जांच में मौलाना तौकीर रजा को हिंसा का मुख्य साजिशकर्ता पाया गया है और उसे जेल भेजा जा चुका है।
पुलिस ने खुलासा किया कि भीड़ जुटाने और योजना बनाने में सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया गया। प्रदर्शनकारियों के पास से हथियार और भारी मात्रा में पत्थर बरामद किए गए। घटना के दौरान पथराव और गोलीबारी में 22 पुलिसकर्मी घायल हुए।
पुलिस के अनुसार, करीब 50 से 60 हजार की भीड़ इकट्ठा करने की तैयारी थी और किसी बड़े उपद्रव की साजिश रची गई थी। जांच एजेंसियां अब इस पूरे नेटवर्क को खंगाल रही हैं और आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।